नए महीने के साथ होने वाले है वित्तीय जगत में कई बदलाव, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर
सिलेंडर की कीमतों में हो सकता है बदलाव
म्युचुअल फंड निवेशकों और बैंक ग्राहकों से जुड़े बदले जायेंगे कई नियम
नई दिल्ली। कल से मई महीना शुरू हो रहा है। नए महीने के साथ वित्तीय जगत से जुड़े कई बदलाव होने वाले है। ये परिवर्तन सीधे आम आदमी की जेब पर असर डालेंगे। मई महीने में सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हो सकता है। म्युचुअल फंड निवेशकों और बैंक ग्राहकों से जुड़े कई नियम भी बदलने वाले हैं। मई महीने में कुछ बैंकों के बचत खातों पर लगने वाले शुल्क में इजाफा होगा। कुछ बैंक क्रेडिट कार्ड के जरिए यूटिलिटी भुगतान पर सरचार्ज भी लगाने वाले हैं। वरिष्ठ नागरिकों की सावधि जमा के डेडलाइन में भी परिवर्तन हो सकता है।
आइए जानते हैं एक मई 2024 से व्यापार जगत में होने वाले कुछ अहम बदलावों के बारे में-
पेट्रोलियम कंपनियां हर महीने पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के कमर्शियल व घरेलू सिलेंडरों की कीमतों की समीक्षा करती है। ऐसे में संभव है एक मई से इनकी कीमतों में परिवर्तन देखने को मिले। हालांकि इसका एलान 30 अप्रैल की मध्यरात्रि के बाद ही होने की संभावना है। देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में होने वाले किसी भी बदलाव पर आम आदमी की नजर बनी रहेगी।
अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो एक मई 2024 से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 30 अप्रैल 2024 के बाद अगर आपके म्युचुअल आवेदन पर लिखा नाम आपके पैन कार्ड पर लिखे नाम के सामान नहीं हुआ तो आपका आवेदन रद्द हो जाएगा। आधिकारिक रिकॉर्ड में आपका नाम एक जैसा दिखे यह सुनिश्चित करने के लिए केवाईसी नियमों में बदलाव किया गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अनिवार्य केवाईसी नियम कहते हैं कि आपका नाम एक समान होना चाहिए। इसे अनुसार आप पहली बार म्यूचुअल फंड फोलियो में निवेश कर रहे हैं, तो आपका नाम और आपकी जन्मतिथि आपके PAN पर लिखे नाम और जन्मतिथि के साथ-साथ आपके इनकम टैक्स रिकॉर्ड के समान होना चाहिए।
राहत की बात यह है कि नया नियम नए निवेशकों को प्रभावित करेगा, न कि मौजूदा निवेशकों को।1 मई से आईसीआईसीआई बैंक बचत खाता सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में परिवर्तन करेगा। इसमें डेबिट कार्ड पर लगने वाले 200 रुपये तक की सालाना फीस शामिल है। ग्रामीण इलाकों के लिए यह शुल्क 99 रुपये प्रति वर्ष है। चेक बुक की बात करें तो एक वर्ष में 25 चेक तक को शुल्क देय नहीं होगा पर इससे अधिक के लिए बैंक 4 रुपये प्रति चेक का शुल्क वसूल करेगा।
बैंक आउटवर्ड इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) लेनदेन के लिए 2.5 रुपये से 15 रुपये प्रति लेनदेन के हिसाब से शुल्क लेगा। डिमांड ड्राफ्ट या पे ऑर्डर को रद्द करने, डुप्लिकेट या रिवैलिडेशन के लिए बैंक 100 रुपये का शुल्क लेगा। बैंक हस्ताक्षर सत्यापन के लिए प्रति आवेदन के लिए 100 रुपये और बैंक शाखा के जरिए किसी विशेष चेक के भुगतान को रोकने के लिए 100 रुपये चार्ज करेगा हालांकि कस्टमर केयर आईवीआर और नेट बैंकिंग के माध्यम से यह सुविधा मुफ्त में मिलेगी। वित्तीय कारणों से ईसीएस/एनएसीएच डेबिट रिटर्न पर 500 रुपये जुर्माना लगेगा।
यस बैंक ने 1 मई बचत खाता सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में बदलाव की घोषणा की है। बैंक ने बचत खातों में अनिवार्य औसत मासिक शेष (एएमबी) से कम होने की स्थिति में अधिकतम शुल्क बढ़ा दिया है। अब बैंक ऐसी स्थिति में 250 रुपये से 1,000 रुपये के बीच चार्ज करेगा। इससे पहले यह शुल्क 250 रुपये से 750 रुपये के बीच था। बचत खाते के प्रकार, बैंक शाखा के स्थान और खाते में कमी की राशि के आधार पर यह शुल्क अलग-अलग होते हैं।
अपर्याप्त धनराशि के कारण ईसीएस (इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस) रिटर्न की स्थिति में बैंक अब पहली बार 500 रुपये का शुल्क लेगा। दूसरे रिटर्न पर बैंक 550 रुपये का चार्ज करेगा। एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ नागरिकों के सावधि जमा खातों में निवेश की आखिरी तारीख 02 मई 2024 है। इन खातों में सामान्य एफडी खातों की तुलना में 0.75% अधिक ब्याज दिया जाता है। यह ऑफर 60 वर्ष या उससे से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। संभव है कि बैंक की ओर इन खातों में जमा की आखिरी तारीख में बदलाव किया जाए और इसे आगे बढ़ा दिया जाए।
यस बैंक और आईडीएफसी बैंक ने एक मई से क्रेडिट कार्ड के जरिए यूटिलिटी भुगतान पर सरचार्ज लगाने का एलान किया है। टेलीफोन बिल, इलेक्ट्रिक बिल, गैस, पानी, इंटरनेट सेवाएं और केबल सर्विसेज से जुड़े पेमेंट यूटिलिटी भुगतान के अंतर्गत आते है। अगर यूटिलिटी सेवाओं का भुगतान 15000 रुपये से अधिक है तो यस बैंक उस पर 1 प्रतिशत के सरचार्ज के अलावे जीएसटी भी वसूलेगा। आईडीएफसी बैंक ने 20,000 रुपये से अधिक के यूटिलिटी भुगतान पर 1 रुपये सरचार्ज के साथ जीएसटी चार्ज करने की बात कही है।