उत्तराखंड

भ्रष्टाचार पर सख्त हुई धामी सरकार, बदरी- केदार मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी के मामले में पुलिस को सौंपी विशेष जांच

गोपेश्वर/देहरादून। भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्यवाही करते हुए प्रदेश सरकार ने श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के सदस्य आशुतोष डिमरी द्वारा समिति से लिए गए लाखों रूपए के विज्ञापनों की विशेष जांच के आदेश दिए हैं। जांच चमोली के पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह को सौंपी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार देवभूमि भैरव वाहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि को पत्र भेज कर बीकेटीसी के सदस्य आशुतोष डिमरी को गलत तरीके से विज्ञापन जारी किए जाने की शिकायत की थी। उन्होंने शिकायत की थी कि प्रदेश सरकार ने डिमरी को बीकेटीसी में सदस्य नामित किया है। बीकेटीसी के एक्ट के अनुसार सदस्य लोकसेवक की परिधि में आते हैं। किंतु डिमरी ने सदस्य रहते हुए और इससे पूर्व भी अपने दो समाचार पत्रों के नाम पर बीकेटीसी से करीब तीस लाख रुपए के विज्ञापन लिए हैं। कई विज्ञापनों में विभागीय आदेश तक नहीं हैं। एक सप्ताह के भीतर ही कई – कई विज्ञापन लिए गए हैं।

    

भैरव वाहिनी के अध्यक्ष संदीप खत्री ने इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मामला बताते हुए प्रकरण की सक्षम स्तर से जांच की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार ने आस्था के धामों बद्रीनाथ और केदारनाथ की प्रतिष्ठा को देखते हुए प्रकरण की जांच के लिए गृह विभाग को आदेशित किया। गृह विभाग ने चमोली के पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह को इसकी जांच सौंपी है। पुलिस ने जांच शुरू भी कर दी है।

इस प्रकरण के बाद बीकेटीसी एक बार फिर विवादों के घेरे में है। बीकेटीसी में पूर्व में कई मामलों में गड़बड़ियों की खबरें सामने आती रहीं हैं। इसी वर्ष यात्रकाल के शुरु में धामों में क्यूआर कोड लगाने वाला मामला भी काफी चर्चाओं में रहा था। बीकेटीसी द्वारा इस प्रकरण की पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। चमोली पुलिस द्वारा इस मामले की भी जांच की जा रही है। इन प्रकरणों की पुलिस जांच के बाद बीकेटीसी में भी हड़कंप मचा हुआ है।

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