प्रदेश में महिलाएं नहीं है सुरक्षित- उमा सिसोदिया
नाबालिग दुष्कर्म मामले में कानून को लेकर त्रिवेंद्र सरकार ने नहीं उठाए कोई ठोस कदम- सिसोदिया
उत्तराखंड में महिलाओं पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
अभी बीजेपी विधायक महेश नेगी के एक महिला के साथ हुए यौन शौषण का मामला थमा भी नहीं था कि कल दो मासूम बच्चियों के साथ हैवानियत की हद पार करने वाला मामला सामने आया है।
राजधानी देहरादून में एक क्लीनिक संचालक ने अपनी यहां काम करने वाली महिला के दो मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया।
3 साल ओर सात साल की दो बहनों को आरोपी ने उस समय दूध में नशीला पदार्थ मिला कर अपनी हवस का शिकार बनाया
जब उसकी मां ने उसके भरोसे अपनी बच्चियों को छोड़ कर अपने किसी रिश्तेदार के पास गई थी।
फिलहाल बच्चियों की मां के रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया गया।
आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने त्रिवेंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ के जुमले बोलने वाली बीजेपी, के राज में इस तरह की घटनाएं उनकी नीति और नीयत को बताती है।
और उनके कथनी और करनी में दोहरा चरित्र को भी दिखाती है।
आप प्रवक्ता ने कहा ,आखिर कब तक त्रिवेंद्र राज में,महिलाओं के साथ अत्याचार होते रहेंगे।
यहां आए दिन महिलाओं और बच्चियों के साथ वारदातें बढ़ती जा रही हैं और
सरकार हाई कोर्ट के उस आदेश पर भी कोई अमल नहीं कर रही जिसमें हाई कोर्ट ने नाबालिगों के साथ हुए अत्याचार में दोषी के खिलाफ फांसी देने के लिए कानून बनाने की बात कही थी।
आप प्रवक्ता ने कहा, उत्तराखंड देवभूमि है और देवभूमि में एनसीआरबी के आंकड़ों की बात करें तो यहां बीते 3 सालों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ आपराधिक घटनाओं का आंकड़ा 22% बढ़ा है, जो बड़ा ही गंभीर और चिंतनीय विषय है,
आज प्रदेश में अपराधी पूरी तरह से निरंकुश हो चुके हैं।
आए दिन लूटपाट बलात्कार हत्याएं जैसी खबरों से लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं,
उन्होंने कहा कि सरकार आपराधिक घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से सरकार नाकाम साबित हुई है,
मध्य प्रदेश सरकार में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है, लेकिन उत्तराखंड में अभी तक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में कोई ठोस सजा का प्रावधान नहीं है,
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2018 में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा की बात कही थी
लेकिन उसके बाद अभी तक इस विषय पर कोई भी गंभीर फैसला नहीं लिया गया है,
जो त्रिवेंद्र सरकार पर यह सवाल खड़ा करती है कि वह प्रदेश की बेटियों की आबरू को लेकर कितने चिंतित हैं,
नैनीताल हाईकोर्ट ने त्रिवेंद्र सरकार से यह सिफारिश की थी कि नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सख्त पहल करें,
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द ऐसा कानून बनाएं, जिसमें 15 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान हो,
लेकिन लगता है मुख्यमंत्री को इससे कोई सरोकार नहीं है,
आज सरकारी तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है जो अपराधियों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं,
आप पार्टी इन घटनाओं की कड़ी निंदा करती है और उम्मीद करती है कि इस गंभीर घटना के बाद सरकार की नींद टूटेगी
और जल्द ही इन घटनाओं की रोकथाम के लिए कोई सख्त कदम उठाए जाएंगे,
अगर अब भी त्रिवेंद्र सरकार नहीं जागी तो आप कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर उनको जगाने का काम करेंगे।