कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद से हैंडसैनिटाइजर और फेसमास्क का बाजार तेज़ी से पनपा है।
साथ ही मुनाफा कमाने के लिए लोगों ने इसमें धांधली भी शुरू कर दी है।
इन दोनों के निर्माण में सस्ती चीजों का प्रयोग और मिलावट धड़ल्ले से की जा रही है।
यह पहचानना बहुत जरूरी है कि क्या आप सही उत्पाद का प्रयोग कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केवल N-95 मास्क ही कारगर हैं।
लेकिन सस्ते कपड़ों से बने और काम गुणवत्ता के मास्क से बाजार भरा पड़ा है।
ऐसे मास्क केवल आपके मन को संतुष्टि दे सकते हैं।
लेकिन इनको लगाना और मुंह पर रूमाल बाँध लेना एक ही बात है।
इसी तरह का माहौल हैंडसैनिटाइजर को ले कर भी है।
मिलावट अपने चरम पर है।
ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि क्या आप सही हैंडसैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं।
कोरोना वायरस से बचाव में वही हैंडसैनिटाइजर प्रभावी हैं , जिसमें 70 से 80 प्रतिशत एल्कोहल का उपयोग किया गया हो।
सैनिटाइजर के निर्माण में सेहत को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रक्रिया को का पालन किया जाता है।
जिससे आपके हाथ पूरी तरह स्वच्छ भी हो जाएं और आपकी त्वचा को भी किसी तरह का नुकसान न हो।
लेकिन नकली सैनिटाइजर में ये दोनों ही खूबियां देखने को नहीं मिलती हैं।
आप खुद कर सकते हैं हैंडसैनिटाइजर की जांच
- सैनिटाइजर की जांच के लिए आप टिश्यू पेपर का प्रयोग कर सकते हैं। पेपर पर पेन से एक छोटा गोला पेपर के बीच में बना दें। इस गोले पर हैंडसैनिटाइजर का छिड़काव करें। यदि गोले की स्याही फैल जाती है तो समझ लीजिए आपका सैनिटाइजर मिलावटी है।
- अगर आपका हैंडसैनिटाइजर असली है तो इस गोले की इंक बिल्कुल नहीं फैलेगी। हैंडसैनिटाइजर पेपर को गीला करेगा और बहुत जल्दी सूख जाएगा।
- हैंडसैनिटाइजर को एक कटोरी में निकाल लें। अब इसे हेयर ड्रायर से सुखाएं। अगर आपका हैंडसैनिटाइजर असली है तो वह 3 से 5 सेकंड में सूख जाएगा। लेकिन अगर सैनिटाइजर नकली हुआ तो इतने समय में नहीं सूखेगा और कटोरी में बचा रहेगा।
- एक कटोरी में थोड़ा आटा लीजिए। इस आटे में हैंडसैनिटाइजर डालिए। अब इन दोनों आटे को गूंथने की कोशिश कीजिए।
- अगर आपका हैंडसेनिटाइजर असली है तो आटा नहीं गुंथेगा । लेकिन अगर आपका सैनिटाइजर नकली है तो यह आटे को वैसे ही गूंथ देगा जैसे कि आटा पानी में गुंथता है।