AQI : उत्तराखंड सरकार ने एनजीटी के आदेशों को लागू करते हुए केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री को अनुमति दी थी और पटाखे चलाने का समय भी निर्धारित कर दिया था जो रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक था।
इसके बावजूद न तो ग्रीन पटाखे ही बिके और न प्रतिबन्ध का कोई असर हो पाया और दीवाली पर आतिशबाजी के कारण देहरादून का पर्यावरण विषाक्त हो गया।
एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले वर्ष की दीवाली के मुकाबले 35 अंक ऊपर चढ़ गया।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार 9 नवंबर से लेकर 14 नवंबर तक एयर क्वालिटी इंडेक्स में 151 अंक की बढ़त देखी गई।
9 नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 166 था और 14 नवंबर को यह 317 पहुंच गया।
तुलनात्मक रूप से देखें तो पिछले वर्ष 22 अक्टूबर को AQI 191 था।
जबकि 27 अक्टूबर यानि दीवाली के दिन यह 272 पहुंच गया था।
इस तरह पिछले साल 6 दिनों के अंदर AQI में 81 अंकों की बढ़ोतरी हुई थी।
जबकि इस वर्ष 6 दिनों में ही 151 अंकों की बढ़त देखी गई।
देहरादून में पार्टिकुलेट मैटर – 10 यानी pm-10 भी तेजी से बढ़ा है। पिछले वर्ष दीवाली पर इसकी मात्रा 275.55 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी।
जो इस वर्ष 315.68 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गई। तात्पर्य यह है कि इस में 12.71% की बढ़ोतरी हुई।
पीएम-2.5 भी तेजी से बढ़ा है।पिछले वर्ष की दीवाली पर यह 128 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था और इस वर्ष यह 141 मिलीग्राम पर पहुंच गया जो 9.6% की वृद्धि है।
परंतु देहरादून में सल्फर डाइऑक्साइड के आंकड़ों में कुछ कमी देखी गई।
पिछले वर्ष इसका आंकड़ा दीवाली पर 35.5 था, जो इस वर्ष 32.62 रहा।
इसी तरह नाइट्रोजन के ऑक्साइड की मात्रा में भी कमी आई है। पिछले वर्ष यह 55.3 था, जबकि इस वर्ष 42.2 रहा है।
आने वाले समय में पटाखों और प्रदूषण के बीच बनने वाले संबंध इस बात पर निर्भर करते हैं कि सरकार कितनी तेजी से ग्रीन पटाखों को मार्केट में उतार पाती है,
और वहीं दूसरी ओर जनता में पटाखों का प्रयोग न करने की जागरूकता के लिए सरकार कैसे कदम उठाती है।
जब तक प्रधानमंत्री स्तर से जनता के नाम यह संदेश नहीं दिए जाएंगे कि पटाखों का प्रयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक है यह संभव ही नहीं है की जनता इसके लिए जागरूक हो पाएगी।
यद्यपि सरकार अपने स्तर पर कार्य करती रहती है परंतु प्रधानमंत्री की देशव्यापी अपीलों का व्यापक प्रभाव पड़ता है।
देखना यह है कि अगली दीपावली पर हम किस प्रकार की आबोहवा में सांस ले रहे होंगे।