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हिंदुओं पर अत्याचार जारी- इस्कॉन मंदिर के एक और ब्रह्मचारी श्यामदास प्रभु को किया गया गिरफ्तार 

स्वामी चिन्मय कृष्णदास को पहले ही किया जा चुका है गिरफ्तार 

ढाका। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी है। इस्कॉन मंदिर के पुजारी और हिंदू नेता स्वामी चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी के विरोध में हुए प्रदर्शन के बीच दूसरे हिंदू पुजारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पश्चिम बंगाल में इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता राधारमण दास ने ट्वीट करके बताया कि बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के एक और ब्रह्मचारी श्यामदास प्रभु को चत्तोग्राम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में श्यामदास प्रभु की फोटो शेयर करके लिखा कि क्या ये आपको आतंकवादी दिखते हैं?

बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश के इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य चिन्मॉय कृष्ण दास को सोमवार को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों ने बताया कि आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद बांग्लादेश के चट्टोग्राम में एक और हिंदू पुजारी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार पुजारी की पहचान श्याम दास प्रभु के रूप में हुई, जो कथित तौर पर जेल में चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे। 

बिना किसी वारंट के हुई श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी

सूत्रों ने कहा कि श्याम दास प्रभु को बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया है। यह प्रथा अधिकारियों को किसी को हिरासत में लेने और बाद में रिहा करने की अनुमति देती है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने भी एक्स पर भिक्षु की गिरफ्तारी के बारे में पोस्ट किया। बांग्लादेश में हिंदू साधु की गिरफ्तारी और हिंसा का दौर जारी है। इस्कॉन के पूर्व सदस्य व हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की देशद्रोह के मामले में गिरफ्तारी से राजधानी ढाका और चट्टोग्राम सहित बांग्लादेश के विभिन्न स्थानों पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

चिन्मय कृष्ण दास को मंगलवार को चट्टोग्राम अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनकी रिहाई की मांग कर रहे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। झड़प में सहायक लोक अभियोजक सैफुल इस्लाम की मौत हो गई।  पुलिस ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश पुलिस ने वकील की हत्या के मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। 46 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया, जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सफाई कर्मचारी थे।

मुस्लिमों ने हिंदू मंदिरों को तोड़ा

हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन के बाद चट्टोग्राम में शुक्रवार को जुमे की नमाज करने के बाद मुसलमानों की भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की, जहां इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य पर राजद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज होने के बाद से विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखी गई है। समाचार पोर्टल BDNews24.com की रिपोर्ट के अनुसार, हमला दोपहर करीब 2:30 बजे बंदरगाह शहर के हरीश चंद्र मुंसेफ लेन में हुआ, जहां शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, पास के शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया।  “नारेबाजी कर रहे कई सौ लोगों के एक समूह ने मंदिरों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे शोनी मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वार क्षतिग्रस्त हो गए।” कोतवाली थाना प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों ने मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर तनाव के बीच हुई है, जहां पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से व्यापक राजनीतिक हिंसा देखी गई है। पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि को रोकने में विफल रहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।  बता दें कि बांग्लादेश की 170 मिलियन आबादी में लगभग 8 प्रतिशत हिंदू हैं।