बीपीएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चंद्र पांडे ने सरकार के हाल के निर्णयों को ले कर सरकार पर कड़े आरोप लगाए और विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी उन्होंने कहा कि,
नियमित भर्ती पर रोक और नए पद नहीं भरे जाने का बीपीएड एमपीएड पर एक प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन विरोध करता है
सरकार यह निर्णय वापस ले वरना न्याय के लिए बीपीएड एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा
सरकार के द्वारा लिया गया निर्णय बेरोजगारों के खिलाफ सोची-समझी रणनीति है
करोना तो सरकार के लिए एक बहाना है
हम अगर उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में बात करें तो आज से 3 महीने पहले या जब सरकार 3 साल पहले सत्ता में आई थी तो उस समय कौन सी महामारी आई थी
जब त्रिवेंद्र सरकार बेरोजगारों के लिए घोषणाओं पर घोषणाएं किए जा रही थी
यह तो केवल इनकी गंदी राजनीति का हिस्सा है जो युवा बेरोजगारों को ले डूबी है
और उत्तराखंड बीपीएड एमपीएड संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है
एक तो पहले से ही युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहा है ऊपर से सरकार के आए दिन के फैसले बेरोजगारों को अवसाद के गर्त में डाल रहे हैं
जैसा कि एक निर्णय यह हुआ है कि संविदा,नियत वेतन, दैनिक वेतन पर नियुक्ति पूरी तरह से बंद तथा आउट सोर्स में काम करने का आग्रह।
तो यहां पर आउट सोर्स की बात करें तो इससे एक बात तो साफ है कि
यह आउटसोर्स की बात इस सरकार मैं आज से नहीं बहुत पहले से है इसमें कोई दो राय नहीं है कई सालों से कर्मी संविदा में नियत वेतन दैनिक वेतन में कार्य कर रहे हैं
तो आज क्या समस्या आ रही है क्योंकि आउट सोर्स में इनकी मन की पार्टी होती है
और बेरोजगारों को 5 से 10000 में उनके हाथों की कठपुतलियां बनाते हैं
बेरोजगार मरता क्या न करता इनकी मजबूरी का भरपूर फायदा उठाया जाता है
अगर इतनी ही बजट की कमी हो रही है तो अपने खर्चों में कटौती करें
अपनी रैली के लिए तो उनके पास पूरा बजट है यह बजट कहां से आ रहा है
विकास कार्यों में कटौती तो जनता के खिलाफ बहुत बड़ा विरोधी कदम है
आज कोरोना महामारी आई है पर त्रिवेंद्र सरकार जो पिछले 3 सालों से घोषणाएं कर रही हैं
बीपीएड संगठन उसका जवाब चाहता है
हम जानते हैं सरकार के पास इसका कोई उत्तर नहीं है यही त्रिवेंद्र सरकार की विफलता है
त्रिवेंद्र सरकार अपना फैसला वापस ले अन्यथा बीपीएड बेरोजगार संगठन का विरोध झेलने को तैयार रहें
उत्तराखंड