ब्रिटेन: पूरे विश्व में इस्लाम को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
जहां एक तरफ फ्रांस का मामला चल रहा है,
तो वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन की मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका की राजदूत और प्रवक्ता ने
अरबी भाषा में ट्वीट कर पहले राशिदीन खलीफा हजरत अबू बक्र के शब्दों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ दिया है।
ब्रिटेन में पर्यावरण संरक्षण को लेकर शिखर सम्मेलन होने जा रहा है जिसके लिए शुरू हुए काउंटडाउन को एक वीडियो में दिखाते हुए ब्रिटेन की प्रवक्ता रोजी दियाज ने ट्वीट किया,
“अबू बक्र अल सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि फलदार पेड़ों को मत काटो, किसी बुजुर्ग को तबाह मत करो, किसी भी ऊंट या भेड़ को भोजन के अलावा मत मारो, खजूर के पेड़ों को ना जलाओ न डुबाओ, आज से ब्रिटेन में आयोजित होने वाले पर्यावरण संरक्षण शिखर सम्मेलन का काउंटडाउन शुरू हो रहा है और हमारे लिए आवश्यक है कि हम पृथ्वी का संरक्षण करते हुए पर्यावरण को भी दूषित होने से बचाएं हम मिलकर पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।”
यह ट्वीट बहुत तेजी से चर्चाओं में आ गया है क्योंकि पश्चिमी विश्व के नेता और अधिकारी भी अब कुरान, हदीस और खलीफाओं की बातों को टिप्पणियों में प्रयोग करने लगे हैं।
जबकि इसी विश्व का एक धड़ा इस्लाम की आलोचना करता है।
वहीं इस ट्वीट को मुस्लिम विश्व से बेहतर संबंध बनाने की ब्रिटेन की कोशिश के रूप में भी देखा जा सकता है, क्योंकि ब्रिटेन और फ्रांस शुरू से ही प्रतिद्वंद्वी रहे हैं।
गौरतलब है कि पहले राशिदीन खलीफा अबू बक्र रजि. ने युद्ध के लिए जाते अपने सेनापति यजीद बिन अबू सूफियान से यह बातें कही थी।
इससे स्पष्ट होता है कि उस दौर में भी पर्यावरण संरक्षण को किस स्तर पर तरजीह दी जाती थी।
हर धर्म अच्छी बातें सिखाता है और नफरत से दूर करता है। पूरी मानव जाति को आवश्यकता है कि वह सभी धर्मों का सम्मान करें, उन्हें पढ़ें, समझें और सर्व धर्म समभाव के साथ पृथ्वी के सामने खड़ी बड़ी समस्याओं जैसे वैश्विक तापन और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तैयार हो जाएं।