उत्तराखंड – Event Review https://eventreview.in Event Review Sun, 28 Apr 2024 08:26:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 230734881 जिला सहकारी बैंकों का लाभ 180 करोड़ रुपये से बढ़कर 232 करोड़ रुपये किया https://eventreview.in/profit-of-district-cooperative-banks-increased-from-rs-180-crore-to-rs-232-crore/ https://eventreview.in/profit-of-district-cooperative-banks-increased-from-rs-180-crore-to-rs-232-crore/#respond Sun, 28 Apr 2024 08:26:32 +0000 https://eventreview.in/?p=8954 सहकारी बैंकों की राज्य के सतत आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका – सहकारिता मंत्री डॉ. रावत 

देहरादून। जिला सहकारी बैंकों का पिछले साल की तुलना में सकल लाभ 180 करोड़ से बढ़कर 232 करोड़ रुपये किया है। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में जिला सहकारी बैंक क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए प्रगति के वाहक हैं। अपने अभिनव कार्यक्रमों, पहलों और नेतृत्व के माध्यम से, इन बैंकों ने न केवल अपने सकल लाभ में वृद्धि की है, बल्कि ग्रामीणों की आय को दोगुना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि, उत्तराखंड राज्य के जिला सहकारी बैंकों ने लाभप्रदता के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है।

उन्होंने कहा कि, यह प्रभावशाली वित्तीय प्रदर्शन इन वित्तीय संस्थानों को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई रणनीतियों और पहलों की प्रभावशीलता को दर्शाता है। डॉ रावत ने बताया कि जिला सहकारी बैंक राज्य सरकार की नीतियों को लागू करने और ग्रामीणों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन बैंकों के माध्यम से, ग्रामीण आबादी को अपनी आर्थिक स्थिति को बढ़ाने और अपनी आय को दोगुना करने के लिए सशक्त बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि सहकारी बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तियों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहे हैं, उनकी समग्र समृद्धि और कल्याण में योगदान दे रहे हैं।

डॉ. रावत ने विश्वास व्यक्त किया है कि जिला सहकारी बैंकों का लाभ स्तर निरंतर बढ़ता रहेगा। राज्य में वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इन सहकारी बैंकों की सफलता से स्पष्ट है। उन्होंने लाभ के लिए बोर्ड और बैंक अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि सभी की लगन और कड़ी मेहनत का यह प्रमाण है। उनके प्रयासों से न केवल वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के माध्यम से, ये सहकारी बैंक राज्य में सतत आर्थिक विकास और समृद्धि प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उत्तराखंड में 10 जिला सहकारी बैंक, एक राज्य सहकारी बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति और विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये बैंक न केवल ग्रामीणों को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करते हैं, बल्कि उनकी आजीविका और समग्र कल्याण को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएँ और पहल भी प्रदान करते हैं। उत्तराखंड में इन सहकारी बैंकों की सफलता सकल लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि और ग्रामीणों की आय में दोगुनी वृद्धि में स्पष्ट है। उत्तराखंड में जिला सहकारी बैंकों की सफलता के पीछे एक प्रमुख व्यक्ति सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत हैं। उनके नेतृत्व में, इन बैंकों ने ग्रामीणों को उनके आर्थिक प्रयासों में सहायता करने के लिए विभिन्न अभिनव कार्यक्रम और पहल लागू की हैं।

इन पहलों के माध्यम से, बैंकों ने न केवल अपने लाभ मार्जिन में वृद्धि की है, बल्कि ग्रामीणों की आय के स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार किया है। दीन दयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना 0% ब्याज , सस्ती ऋण सुविधाएँ, बचत विकल्प और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम प्रदान करके, जिला सहकारी बैंकों ने ग्रामीणों को अपने व्यवसाय शुरू करने और उनका विस्तार करने, कृषि में निवेश करने और अपने समग्र वित्तीय कल्याण में सुधार करने के लिए सशक्त बनाया है। इसके परिणामस्वरूप, आय के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी आई है।

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उत्तराखंड में बारिश जंगलों की आग के लिए हुई वरदान साबित https://eventreview.in/rain-proved-to-be-a-boon-for-forest-fires-in-uttarakhand/ https://eventreview.in/rain-proved-to-be-a-boon-for-forest-fires-in-uttarakhand/#respond Sun, 28 Apr 2024 07:18:35 +0000 https://eventreview.in/?p=8951

देहरादून। उत्तराखंड में शनिवार को हुई ओलावृष्टि और झमाझम बारिश के बाद आज प्रदेशभर में चटख धूप खिली है। हालांकि पहाड़ी इलाकों में धूप के साथ ही माैसम में हल्की ठंडक है। वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से पर्वतीय इलाकों में तेज गर्जन के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना जताई गई हैं।

केंद्र की ओर से देहरादून समेत उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में तेज गर्जन के साथ ओलावृष्टि का येलो अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को हुई बारिश जंगलों की आग के लिए वरदान साबित हुई। गढ़वाल से कुमाऊं तक बारिश होने से कई दिन से सुलग रहे जंगलों में अब आग बुझ चुकी है। 

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उत्तराखण्ड के रिमोट क्षेत्रों में छोटे एलपीजी सिलेंडर की उपलब्धता बढ़ाएं https://eventreview.in/increase-availability-of-small-lpg-cylinders-in-remote-areas-of-uttarakhand/ https://eventreview.in/increase-availability-of-small-lpg-cylinders-in-remote-areas-of-uttarakhand/#respond Sun, 28 Apr 2024 05:13:14 +0000 https://eventreview.in/?p=8942 पहाड़ के दुर्गम इलाके तक ‘छोटू’ और मुन्ना’’ को पहुंचाए

आईओसीएल उत्तराखण्ड में रिसर्च व सेमिनार आयोजित करे

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्टेट हेड हेमंत राठौर एवं अन्य उच्चाधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को उनके छोटे एलपीजी सिलेंडर ‘‘ छोटू और मुन्ना’’ की उपलब्धता उत्तराखण्ड के रिमोट क्षेत्रों में बढ़ाने की ओर कार्य करना चाहिए।

राज्यपाल ने अधिकारियों को कहा कि भारतीय सेना के जो भी शहीद परिवार पेट्रोल पंप या एजेंसी प्राप्त करने से छूट गए हैं उन्हें नियमानुसार लाभान्वित किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि आईओसीएल को उत्तराखण्ड में रिसर्च और सेमिनार आयोजित कराने चाहिए।

इस अवसर पर आईओसीएल के अधिकारियों ने राज्यपाल को अवगत कराया कि उन्होंने सितारगंज में 300 करोड़ की लागत से एलपीजी गैस सिलेंडर का बॉटलिंग प्लांट स्थापित किया है।

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मुख्यमंत्री ने वन प्रशिक्षण अकादमी में वनाग्नि रोकने के प्रयासों की समीक्षा की https://eventreview.in/chief-minister-reviews-efforts-to-prevent-forest-fire-at-forest-training-academy/ https://eventreview.in/chief-minister-reviews-efforts-to-prevent-forest-fire-at-forest-training-academy/#respond Sun, 28 Apr 2024 05:05:06 +0000 https://eventreview.in/?p=8939 जंगल में आग- वनाधिकारियों के अवकाश पर लगाई रोक

मुख्यमंत्री ने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर लिया स्थिति का जायजा

अधिकारियों को दिये हर समय सतर्क रहने के निर्देश

वनाग्नि पर पूरी तरह नियन्त्रण पाये जाने तक अधिकारियों को बैठक हेतु देहरादून न बुलाये जाने के भी दिये निर्देश

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को वन प्रशिक्षण अकादमी सभागार में वनाग्नि को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिये अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये कि जब तक वनों में लगी आग पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो जाती है तब तक वनाधिकारियों के अवकाश पर जाने पर रोक लगायी जाय। केवल गम्भीर बीमारी के मामलों में ही छूट दी जाय।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि वनाधिकारी हर समय वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों में रहकर इसे नियंत्रित करने का प्रयास करें। इस कार्य में लगे अधिकारियों को अनावश्यक रूप से बैठक में प्रतिभाग हेतु देहरादून न बलाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।

उन्होंने कहा कि इस में सेना का भी सहयोग लिया जा रहा है। जो भी लोग वनों में आग लगाये जाने के दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश उन्होंने दिये है। मुख्यमंत्री ने लीसा डिपो के आस पास बनाग्नि के नियंत्रण पर ध्यान देने को कहा तथा फायर ब्रिगेड को भी एक्टिव करने को कहा। ताकि लीसा डिपो या अन्य संस्थानों को कोई नुकसान न हो। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होनें कहा कि सभी के प्रयासों से वनाग्नि की घटनाएं नियंत्रित हो रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बढते तापमान के दृष्टिगत पेयजल की कमी को दूर करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती सरिता आर्य, आयुक्त कुमांऊ दीपक रावत, जिलाधिकारी श्रीमती वन्दना के साथ ही वन एवं पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी एवं अन्य जन प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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24 घंटे में 31 जगहों पर धधके जंगल, आग बुझाने में जुटे वनकर्मी https://eventreview.in/forests-blazed-at-31-places-in-24-hours-forest-workers-engaged-in-extinguishing-the-fire/ https://eventreview.in/forests-blazed-at-31-places-in-24-hours-forest-workers-engaged-in-extinguishing-the-fire/#respond Sat, 27 Apr 2024 11:30:56 +0000 https://eventreview.in/?p=8930 नवंबर-2023 से अब तक 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को पहुंचा नुकसान 

नैनीताल। उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल में जंगल धधक रहे है। आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। बीते 24 घंटे में एक-दो नहीं बल्कि कुमाऊं के जंगलों में 26 जगहों पर आग लगी है। प्रदेश के 31 जगहों पर आग लगने की घटना हुई है, इसमें सर्वाधिक आग लगने की घटना कुमाऊं में 26 स्थानों पर हुई। गढ़वाल मंडल के वन्यजीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है।

वहीं, प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है। गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के जंगल लगातार धधक रहे हैं। ज्यादातर चीड़ के जंगल होने के कारण आग तेजी से फैल रही है। वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। एक स्थान पर आग बुझती है तो दूसरी जगह भड़क उठती है।

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चारधाम यात्रा मार्ग पर जीएमवीएन लगा रहा ईवी चार्जिंग स्टेशन- महाराज https://eventreview.in/gmvn-is-installing-ev-charging-station-on-the-chardham-yatra-route-maharaj/ https://eventreview.in/gmvn-is-installing-ev-charging-station-on-the-chardham-yatra-route-maharaj/#respond Sat, 27 Apr 2024 10:05:25 +0000 https://eventreview.in/?p=8923 पर्यटक आवास गृहों की बुकिंग पहुंची ग्यारह करोड़ पिचहत्तर लाख बासठ हजार

पर्यटन मंत्री बोले नवंबर में शुरू होगी आदि कैलाश, ओम पर्वत शीतकालीन हैली दर्शन सेवा

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि परिवहन विभाग, भारत सरकार द्वारा पूंजी निवेश के लिए राज्य को विशेष सहायता योजना (Scheme for Special Assistance to State for Capital Investment) के अन्तर्गत चारधाम यात्रा मार्ग पर गढवाल मण्डल विकास निगम द्वारा ईवी चार्जिंग स्टेशन (EV Charging Station) स्थापित किये जा रहे हैं।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को सुभाष रोड़ स्थित अपने कैम्प कार्यालय पर चारधाम यात्रा तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत तथा उत्तराखण्ड परिवहन निगम के द्वारा प्राप्त धनराशि के माध्यम से ईवी चार्जिंग स्टेशन (EV Charging Station) स्थापित करने के लिए गढवाल मण्डल विकास निगम को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। गढ़वाल मण्ड विकास निगम द्वारा लगाये जाने वाले EV Charging Station में Sharify Services Pvt Ltd के Statiq ब्रांड के चार्जर लगाए जायेंगे। यह Universal चार्जर होंगे जो कि सभी EV गाडियों को चार्ज करेंगे। एक चार्जर 60 किलोवाट का होगा जिसमें 30-30 किलोवाट की 02 गन होंगी। इसके अतिरिक्त एक 7.4 किलोवाट का Slow चार्जर भी होगा। गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा चारधाम यात्रा मार्ग पर निगम के 24 (चौबीस) पर्यटन आवास गृहों एवं परिवहन निगम के 04 (चार) बस स्टेशनों पर EV Charging Station स्थापित किये जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार के उपक्रम टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेन्ट कार्पोरेशन (THDC) के द्वारा भी चारधाम यात्रा मार्ग पर गढ़वाल मण्डल विकास निगम के 14 (चौदह) पर्यटक आवास गृहों में EV Charging Station स्थापित किये जाने का कार्य किया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री महाराज ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत एक स्टेट लेवल कन्ट्रोल रूम की स्थापना देहरादून स्थित उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय में की गई है जो कि पूरे यात्राकाल के दौरान संचालित रहेगा। कन्ट्रोल रूम प्रतिदिन प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक संचालित रहेगा जो कि वर्तमान में भी संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों और यात्रियों को लम्बी कतारों एवं अधिक समय तक प्रतिक्षा न करनी पड़े इसके लिए चारधाम यात्रा में धामों के दर्शन के लिए टोकन, स्लॉट की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी है। पंजीकरण, टोकन, सत्यापन व्यवस्था हेतु कार्यरत एजेन्सी के साथ पर्यटन विभाग के अधिकारियों द्वारा धामों का स्थलीय निरीक्षण जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारियों के द्वारा करने के साथ ही स्थल भी चयनित किये जाने प्रस्तावित हैं। इस व्यवस्था के लागू हो जाने पर किसी भी यात्री को लाईन में एक घंटे से अधिक का इंतजार नहीं कराना होगा।

पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि यात्रा के लिए जिस प्रकार से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंजीकरण करा रहे हैं उसे देखकर पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में काफी वृद्धि होने की संभावना है। यात्रा शुरू होने से पहले ही यात्रा मार्गों पर जीएमवीएन के गेस्ट हाउसों की बुकिंग में लगातार इजाफा हो रहा है। उसे देखकर संभावना है कि इस बार भी चारधाम यात्रा पिछले वर्ष के 56.31 लाख श्रद्धालुओं के रिकॉर्ड को तोड़ेगी। चारधाम यात्रा से पूर्व यात्रा मार्गो पर स्थित 94 जीएमवीएन के गेस्ट हाउसों के लिए श्रद्धालुओं ने 22 फरवरी 2024 से अभी तक 85839892.00 (आठ करोड़ अठावन लाख उनतालीस हजार आठ सौ बयानबे) की Online Booking एवं 31722819.00 (तीन करोड़ सतरह लाख बाईस हजार आठ सौ उन्नीस) की Offline Booking सहित कुल 117562711.00 (ग्यारह करोड़ पिचहत्तर लाख बासठ हजार सात सौ ग्यारह) की बुकिंग करवा ली है और यह आंकड़ा लगातार बढता जा रहा है।

उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 अप्रैल 2024 से प्रारम्भ हुए यात्रियों के पंजीकरण के तहत अब तक गंगोत्री के लिए 287358 (दो लाख सतासी हजार तीन सौ अठावन), यमुनोत्री 260597 (दो लाख साठ हजार पांच सौ सतानबे), केदारनाथ 540999 (पांच लाख चालीस हजार नौ सौ निन्याबे), बद्रीनाथ 453213 (चार लाख तिरेपन हजार दो सौ तेरह) और हेमकुण्ड साहिब के लिए 24700 (चौबीस हजार सात सौ) कुल 1566867 (पन्द्रह लाख छहासठ हजार साठ सौ सड़सठ) श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।

महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को देखते हुए यात्रा काल में 115 (एक सौ पन्द्रह) उपनल और पी०आर०डी० के माध्यम से पर्यटक सुरक्षा, सहायता मित्रों की तैनाती की जा रही है। यात्रा के दौरान सफाई व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया जायेगा। यात्रा मार्गो पर वर्तमान में सुलम इन्टरनेशनल संस्था के माध्यम से 1584 (एक हजार पांच सौ चौरासी) सीटों वाले 147 (एक सौ सैंतालीस) स्थाई शौचालयों की व्यवस्था करने के साथ-साथ चारधाम यात्रा मार्गों गंगोत्री तथा यमुनोत्री मार्ग पर 82 (बयासी) सीट, जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत विभिन्न स्थलों पर निर्मित कुल 251 (दो सी इक्यावन) सीट, जनपद चमोली के यात्रा मार्ग पर 60 (साठ) सीट एवं हेमकुण्ड साहिब यात्रा मार्ग पर 80 (अस्सी) सीट स्टील फ्रेम शौचालयों का भी संचालन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित जनपद रूद्रप्रयाग के 07 (सात) और जनपद चमोली के 08 (आठ) पर्यटक आवास गृहों की मरम्मत एवं उच्चीकरण का कार्य अन्तिम चरण में है जो कि यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जायेगा। मानसखंड एक्सप्रेस भारत गौरव पर्यटक ट्रेन की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की पहली पर्यटक ट्रेन यात्रा 22-अप्रैल 2024 को पुणे से प्रारंभ हो कर 280 पर्यटकों को लेकर 24 अप्रैल को टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। इस टूर पैकेज का संचालन आईआरसीटीसी द्वारा उत्तराखंड में संयुक्त रूप से किया जा रहा है। पर्यटन विकास परिषद् के साथ पैकेज में सेवाएं आईआरसीटीसी द्वारा रु० 28,020/- (अट्ठाइस हजार बीस) रुपए की शुरुआती कीमत पर प्रदान की जा रही हैं।

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड के सहयोग से उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के अल्पज्ञात स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड एक्सप्रेस नामक इस विशेष पर्यटक ट्रेन की शुरूआत की गई है। 10 रातों और 11 दिनों की इस यात्रा में नैनीताल, भीमताल, अल्मोडा, चैकोरी, पूर्णागिरि मंदिर, हाट कालिका मंदिर, सूर्य मन्दिर कटारमल, कैंची धाम, चितई गोलू देवता, जागेश्वर धाम, शारदा घाट, पाताल भुवनेश्वर मंदिर, नानकमत्ता गुरुद्वारा चंपावत आदि विभिन्न स्थानों की यात्रा शामिल होगी। ट्रेन के बाहर उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक, सांस्कृतिक, स्थापत्य और आध्यात्मिक विरासत प्रदर्शित की गयी है। पैंट्री कार कोच में उत्तराखंडी के विभिन्न व्यंजनों को दर्शाया गया है।

पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों को राज्य के सुदूर इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आदि कैलाश, ओम पर्वत हेली दर्शन टूर पैकेज भी लॉन्च किया है। आदि कैलाश, ओम पर्वत हेली सेवा के माध्यम से तीर्थयात्रियों, पर्यटकों को 4 रात और 5 दिन की यात्रा पैकेज की शुरूआत की गई है। 12 पर्यटकों का पहला दल 4 रात और 5 दिन के आदि कैलाश हेली टूर पैकेज के लिए 15 अप्रैल 2024 को पिथौरागढ़ पहुंचा था। इसके अलावा माह नवम्बर, 2024 से आरम्भ होने वाले शीतकालीन हैली दर्शन पैकेज के लिए पायलट रन अप्रैल-मई, 2024 से संचालित किये जा रहे हैं। इसके अन्तर्गत प्रत्येक बैच में 12 से 15 पर्यटक होंगे। आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के हवाई दर्शन के दौरान कुल 06 हेलीकाप्टर आपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। वाईब्रेन्ट विलेज के तहत इन पर्यटकों को गूंजी, नाबी और नेपालचू में स्थित होमस्टे में रहने की व्यवस्था है।

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कुमाऊं के जंगलों की आग बुझाने में लगे वायुसेना के हेलीकॉप्टर https://eventreview.in/air-force-helicopters-engaged-in-extinguishing-the-forest-fires-of-kumaon/ https://eventreview.in/air-force-helicopters-engaged-in-extinguishing-the-forest-fires-of-kumaon/#respond Sat, 27 Apr 2024 06:25:29 +0000 https://eventreview.in/?p=8908 वन संपदा को पहुंचा भारी नुकसान 

नैनीताल। कुमाऊं के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने शनिवार से भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है। शनिवार की सुबह वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर डाला। वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है।

मेलकनी ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने अभी तक तीन बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है। मेलकानी ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

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उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा बोर्ड – उत्तरकाशी के राहुल व्यास ने दसवीं की परीक्षा में किया टॉप https://eventreview.in/uttarakhand-sanskrit-education-board-rahul-vyas-of-uttarkashi-topped-the-10th-class-examination/ https://eventreview.in/uttarakhand-sanskrit-education-board-rahul-vyas-of-uttarkashi-topped-the-10th-class-examination/#respond Sat, 27 Apr 2024 05:10:34 +0000 https://eventreview.in/?p=8902 12वीं में पौड़ी गढ़वाल के आयुष ममगाई ने किया टॉप

दसवीं में 754 और 12वीं में 722 छात्रों ने दी थी परीक्षा 

देहरादून।  उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद हरिद्वार की ओर से 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम जारी किए गए। प्रदेश में उत्तराखंड संस्कृत बोर्ड से इस बार दसवीं में 754 और 12वीं में 722 छात्रों ने परीक्षा दी थी। जिनमें कक्षा 10 की बोर्ड की परीक्षा में उत्तरकाशी के राहुल व्यास और 12वीं में पौड़ी गढ़वाल के आयुष ममगाई ने प्रदेश में टॉप किया। प्रकाश व्यास श्री विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय उत्तरकाशी के छात्र हैं। जबकि आयुष ममगाई ब्रिगेडियर विद्दाधर जुयाल संस्कृत विद्यालय भुवनेश्वरी सिद्धपीठ झोंजल, सितोनस्यूं पौड़ी गढ़वाल के छात्र हैं।

वहीं दसवीं में श्री जयदयाल अग्रवार संस्कृत विद्यालय श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल के सक्षम प्रसाद ने प्रदेश में दूसरा और दुर्गादत्त कपिलाश्रमी संस्कृत महाविद्याल हल्द्वानी नैनीताल के जगदीश चंद्र तिवारी ने तीसरा स्थान पाया। 12वीं में पंजाब सिंध क्षेत्र साधु महाविद्याल ऋषिकेश के दीक्षांत डंगवाल और श्री शिवनाथ संस्कृत महाविद्याल देहरादून की रिंकी बरिहा ने प्रदेश में दूसरा स्थान पाया। वहीं पंजाब सिंध क्षेत्र साधु महाविद्याल ऋषिकेश के नीरज बिजल्वाण और  श्री शिवनाथ संस्कृत महाविद्याल के दिशु को तीसरा स्थान मिला।

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चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं- मुख्यमंत्री https://eventreview.in/all-arrangements-should-be-completed-before-the-start-of-chardham-yatra-chief-minister/ https://eventreview.in/all-arrangements-should-be-completed-before-the-start-of-chardham-yatra-chief-minister/#respond Sat, 27 Apr 2024 04:50:52 +0000 https://eventreview.in/?p=8899 विभागीय सचिव यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें

मुख्य सचिव प्रत्येक सप्ताह चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की करेंगी बैठक

डीजीपी चारधाम यात्रा का स्थलीय निरीक्षण कर पुलिस और कानून व्यवस्थाओं का लेंगे जायजा

बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर जग्ह-जगह प्राईवेट हेल्थकेयर टेस्टिंग किट की होगी व्यवस्था

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों के सचिव यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा की सभी तैयारियों को लेकर साप्ताहिक समीक्षा बैठक की जाए। चारधाम यात्रा में यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीजीपी को भी चारधाम यात्रा से पूर्व स्थलीय निरीक्षण के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर जग्ह-जगह प्राईवेट हेल्थकेयर टेस्टिंग किट की व्यवस्था की जायेगी।

चारधाम यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि देवभूमि उत्तराखण्ड का अच्छा संदेश देश और दुनिया तक जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाए।

घोड़े और खच्चर चालकों का किया जायेगा वेरिफिकेशन 

चारधाम यात्रा के लिए घोड़ा और खच्चर चालकों का वेरिफिकेशन कराया जाए। तथा सभी का पुलिस और आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी घोड़े और खच्चर चारधाम यात्रा में लगाये जाएं उनका स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही पंजीकरण किया जाए। घोड़े और खच्चरों के लिए गर्म पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से शालीनतापूर्ण व्यवहार किया जाए

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर विद्युत, पेयजल और सड़कों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह बने शौचालयों को दुरस्त किया जाए एवं महिलाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी शालीनता एवं सहनशीलता का परिचय दें, यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता न हो। यात्रा ड्यूटी में तैनात सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक छह घंटे के बाद सुरक्षा में तैनात कर्मियों को आराम दिया जाए। यात्रा में आने वाले वाहन चालकों के रहने और सोने की उचित व्यवस्था की जाए। यह भी प्रयास हो कि चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों में दो-दो वाहन चालकों की व्यवस्था हो। वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए।

चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं समय पर मिल सके, इसके लिए सूचना तंत्र मजबूत किया जाए

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के कुशल प्रबंधन के लिए सभी विभाग अलर्ट मोड पर रहें। श्रद्धालुओं को मौसम से संबंधित जानकारी, यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी समय पर प्राप्त हो, इसके लिए श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं ससमय प्राप्त हो इसके लिए सोशल मीडिया का बेहतर प्रयोग किया जाए। होटल, गेस्ट हाउस एवं होम स्टे में चारधाम यात्रा संबंधित निर्देशिका विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस निर्देशिका में चारधाम के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों की जानकारी भी विस्तृत रूप से दी जाए।

10 मई 2024 को श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे जबकि 12 मई 2024 को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अभी तक चारधाम यात्रा के लिये 15 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करा चुके है।

वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भी अलर्ट मोड पर रहें अधिकारी- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस समय चारधाम यात्रा के साथ ही वनाग्नि को रोकना महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।

बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल,  बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी  अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, सूचना महानिदेशक  बंशीधर तिवारी एवं चारधाम यात्रा से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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हीट वेव को लेकर एहतियात बरतने की दी गई सलाह  https://eventreview.in/advice-given-to-take-precautions-regarding-heat-wave/ https://eventreview.in/advice-given-to-take-precautions-regarding-heat-wave/#respond Fri, 26 Apr 2024 11:45:40 +0000 https://eventreview.in/?p=8890 उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से कार्यशाला का आयोजन 
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से शुक्रवार को हीट वेव की तैयारियों के संबंध में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में हीट वेव से बचाव को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। इस कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया।
कार्यशाला में मौसम केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने हीट वेव के विभिन्न चरणों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अगर मैदानी क्षेत्रों में चालीस डिग्री तथा पहाड़ी क्षेत्रों में तीस डिग्री तक तापमान पहुंच जाता है, तब हीट वेव की परिस्थितियां उत्पन्न होने की संभावना बनती हैं। अगर किन्हीं दो जगहों का तापमान लगातार दो दिन सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री ऊपर ;मैदानों में चालीस डिग्री से ऊपर तथा पहाड़ों में तीस डिग्री से ऊपर रहना अनिवार्यद्ध चला जाए तो हीट वेव मानी जाती है।
उन्होंने बताया कि गर्म हवा की एक स्थान पर लंबे समय तक मौजूदगी, ऊपरी वायुमंडल में नमी की कमी तथा साफ आसमान हो तो हीट वेव के हालात उत्पन्न होने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में मई के अंतिम सप्ताह तथा जून प्रथम सप्ताह में तापमान सबसे ज्यादा रहता है। रोहित थपलियाल  के अनुसार मौसम विभाग कलर कोडेड वार्निंग जारी करता है। इनमें ग्रीन, येलो, आरेंज तथा रेड अलर्ट जारी किया जाता है। इसके साथ क्या-करें, क्या न करें संबंधी जानकारी भी आम लोगों के लिए साझा की जाती है।
गर्मी से बचना जरूरी, करें यह उपाय
स्वास्थ्य विभाग से डॉ. सुजाता ने अत्यधिक गर्मी से बचने के उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गर्मी जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए एहतियात बरतने बहुत जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी लगने से व्यक्ति में अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, जी मिचलाना, शरीर में ऐंठन, तेज धड़कन, भ्रम की स्थिति आदि लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खूब पानी पीएं, प्यास न लगी हो तब भी पानी पीते रहें। गर्मी का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर पड़ता है, इसलिए एहतियात जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक घर से बाहर जाने से बचना चाहिए, साथ ही महिलाओं को इस समय खाना बनाने से परहेज करना चाहिए।
डॉ. विमलेश जोशी ने कहा कि हीट वेव या अत्यधिक गर्मी से जितना खतरा इंसानों को है, उतना ही खतरा पशुओं को भी होता है, इसलिए उनका ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि धूप में खड़ी कार में बच्चों को न छोडे, यह खतरनाक हो सकता है। साथ ही धूप में खड़ी कार में सीधे न बैठें। दरवाजे और खिड़की खोलकर रख दें ताकि कार से हानिकारक गर्म हवा बाहर निकल जाए।
यूएसडीएमए की मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने बताया कि भारत सरकार ने हीट वेव को वर्ष 2019 में प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। उन्होंने कहा कि गर्मी से बचने के लिए मौसम विभाग के एलर्ट को सुनना और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है। स्कूली बच्चों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए स्कूलों में प्रत्येक एक से डेढ़ घंटे के अंतराल में वॉटर बेल बजाई जानी चाहिए, ताकि बच्चों को याद रहे कि उन्हें पानी पीना है। इस दौरान प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास विशेषज्ञ जेसिका टेरोन, आईईसी विशेषज्ञ मनीष भगत के अलावा सभी जिलों के डीडीएमओ, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, वन, उद्यान, पंचायती राज विभाग, पिटकुल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग आदि विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
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