उत्तराखंड के प्रतियोगी परीक्षा हेतु कोचिंग संस्थान संचालक सोशल डिस्टन्सिंग और सैनिटाइजेशन के साथ संस्थान दोबारा प्रारम्भ करने की मांग कर रहे हैं।
सभी संस्थान छात्रों की 25 प्रतिशत क्षमता के साथ सेंटर संचालित करने की अनुमति मांग रहे हैं।
परन्तु उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉक डाउन के दौरान बंद हुए कोचिंग संस्थानों के पुनः संचालन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
हालाँकि सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों को पुनः संचलित करने की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का फैसला किया है।
इस तरह राज्य सरकार ने यह गेंद केंद्र सरकार के पाले में लुढ़का दी है।
यह फैसला प्रमुख सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में कोचिंग संस्थान संचालकों के प्रतिनिधियों की बैठक में लिया गया ।
यह बैठक भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पहल पर हुई।
मुन्ना सिंह चौहान ने बैठक में कोचिंग संस्थान संचालकों की समस्याओं को सामने रखा और उन्हें तत्काल राहत देने की मांग की।
देहरादून में 200 से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैं। प्रदेश में इनकी संख्या 2000 से अधिक है। इनसे हजारों युवाओं का रोजगार जुड़ा है। कोविड काल में कोचिंग सेंटर बंद हो जाने से इन युवाओं की हालत पतली है। – मुन्ना सिंह चौहान
अभी केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कोचिंग संस्थान संचालकों को कोचिंग संस्थान संचालन की अनुमति दिया जाना संभव नहीं है। राज्य सरकार की ओर से केंद्र से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों को संचालित किए जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा। – मुख्य सचिव
इसके अतिरिक्त कोचिंग संस्थान ब्याज मुक्त ऋण देने और बिजली और पानी के बिल में रियायत की मांग कर रहे हैं।