देहरादून। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत चिंताजनक, डबल इंजिन की सरकार जिम्मेदार- उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत चिंताजनक है , राज्य के पर्वतीय इलाकों में अधिकांश सीएचसी पीएचसी बन्द पड़ी हैं और जिला हस्प्तालूँ में मानकों के हिसाब से नियुक्त डॉक्टर आवश्यकता से एक तिहाई भी नहीं है और इसके लिए पूरी तरह से बीजेपी की डबल इंजिन सरकार जिम्मेदार है , यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी विभिन्न राज्यों की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट को हथियार बनाते हुए धस्माना ने कहा कि यह बात हम नहीं बल्कि मोदी सरकार के नीति आयोग द्वारा जारी विभिन्न राज्यों की स्वास्थ्य संबंधी रैंकिंग स्पष्ट कर रही है जिसमें उत्तराखंड का स्थान नीचे से सातवें पायदान पर है और राज्य को माइनस ज़ीरो आठ अंक प्राप्त हुए हैं जो बहुत शर्मनाक है , उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर अब उत्तराखंड को केंद्र से स्वास्थ्य मद में मिलने वाली सहायता में भी लगभग 24 प्रतिशत कम सहायता मिलेगी। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार राज्य की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में आवाज उठा रही है और वे स्वयं इस मामले में आंदोलनरत हैं किंतु सरकार की कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े सरकारी हस्पताल दून हॉस्पिटल में पिछले सात महीने से सिटी स्कैन मशीन खराब पड़ी है किंतु मुख्यमंत्री जो स्वयं स्वास्थ्य मंत्री भी हैं और वित्त मंत्री भी वे सिटी स्कैन के लिए स्वास्थ्य विभाग के पांच करोड़ रुपये के प्रस्ताव को अपने ही वित्त विभाग से स्वीकृत नहीं करवा पा रहे इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति क्या हो सकती । धस्माना ने कहा कि दून हस्पताल में स्टाफ नर्स के स्वीकृत 309 पदों के सापेक्ष 100, वार्ड बॉय के स्वीकृत 200 पदों के सापेक्ष 92, सीएसडी के स्वीकृत 6 पदों के सापेक्ष 4 ,सहायक नर्सिंग सुपरिटेंडेंट के स्वीकृत 11 पदों के सापेक्ष 4 व लैब टैकनिशियन के स्वीकृत 50 पदों के सापेक्ष केवल 16 लोग काम कर रहे हैं। धस्माना ने कहा कि राज्य में चितसकों के स्वीकृत कुल पदों के एक तिहाई डॉक्टर ही नियुक्त हैं। उन्होंने कहा कि यह हाल तब है जब डबल इंजिन की सरकार है और मुख्यमंत्री स्वयं इस विभाग के मुखिया हैं। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस के सारे आरोपों पर अब नीति आयोग की रिपोर्ट ने मुहर लगा दी है। धस्माना ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार में समस्याओं के समाधान की इच्छाशक्ति
नहीं है और इसीलिए राज्य की लगातार हर क्षेत्र में दुर्दशा हो रही है।