मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी आय का ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जब मंत्री, मुख्यमंत्री और यहां तक कि प्रधानमंत्री भी आय का ब्यौरा दे रहे हैं, तो कर्मचारियों और अधिकारियों को भी अपनी आय का ब्यौरा देना चाहिए।
इससे लोगों के मन में उठने वाली आशंकाएं दूर होंगी और पारदर्शिता कायम होगी।
इस वक्तव्य के जवाब में बड़े पैमाने पर राजनीति शुरू हो गई।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इस निर्णय को तो सही बताया, पर कर्मचारियों के 1 दिन की वेतन कटौती पर सरकार को घेरा।
कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों और कर्मचारियों से आय का जो ब्यौरा मांगा है वह सही है
कर्मचारी और अधिकारी आय का ब्यौरा दें।
परंतु सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि
कोरोना महामारी के काल में सरकार द्वारा कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन काटने का निर्णय सही नहीं है।
अल्प वेतनभोगी और फ्रंट लाइन पर काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन काटना न्यायोचित नहीं है।
कॉन्ग्रेस इसका विरोध करती है।
प्रीतम सिंह ने यह भी कहा कि स्थिति और गंभीर इसलिए है क्योंकि वेतन कटौती का यह मामला जब न्यायालय गया
तो सरकार ने वहां दिए गए एफिडेविट में यह कहा कि
उसने यह कदम कर्मचारी संगठनों को विश्वास में लेकर उठाया है
वहीँ प्रीतम सिंह के अनुसार कर्मचारी संगठन यह कह रहे हैं
कि बताइए सरकार ने किस कर्मचारी संगठन से वार्ता करने के बाद यह निर्णय लिया है।
सरकार के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है