Politics : आज राजस्थान में सियासी ड्रामा अपने चरम पर है। सचिन पायलट और दोनों समर्थक मंत्री कैबिनेट से बर्खास्त कर दिए गए हैं।
सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया।
और गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए।
ऐसे माहौल में आज ही हरीश रावत ने फेसबुक और ट्वीटर पर एक पोस्ट की लिखी।
मैं एक राजनीतिक नर्तक हूं। और जितने चुनाव जीता हूं उससे एक आध अधिक हार गया हूं। यदि घुंघरू के कुछ दाने टूट जाएं तो नर्तक के पांव थिरकना नहीं छोड़ते। सामाजिक और राजनीतिक धुन कहीं भी बजेगी, संगीत के स्वर कहीं भी उभरेंगे तो हरीश रावत के पांव थिरकेंगे। समझ नहीं पा रहा हूं कि किस मंदिर जाऊं और कौन सा नृत्य करूं कि मेरे खबरची भाई, उत्तराखंड के भाई-बहन, अपने-पराए सबको मेरा नृत्य अच्छा लगे। कोरोना काल में मैं नृत्य की उस थिरकन को खोज रहा हूं। – हरीश रावत
इस ट्वीट और फेसबुक पोस्ट के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
राजनीतिक मंदिर का अर्थ राजनीतिक दल माना जा रहा है।
लोगों ने भी रिप्लाई में हरीश रावत को नई क्षेत्रीय पार्टी बनाने की सलाह दी है।
लेकिन इस सब से एक बात स्पष्ट है कि कांग्रेस में सब ठीक नही चल रहा है।
जहाँ एक ओर राजस्थान में युवा नेता सचिन पायलट असंतुष्ट हैं।
वहीं उत्तराखंड में वरिष्ठ नेता भी अलग तेवर दिखा रहे हैं।
शायद तीन दिवसीय प्रदेश कांग्रेस की बैठक, बैठक ही बन कर रह गयी है।