देहरादून। सेना के लिए कांग्रेस सौ जोड़ी “स्नो बूट्स” भेजेगी। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जो सरकार देश के सैनिकों की शहादतों के नाम पर वोट लेकर बनी हैं उनके
शासन काल में देश की रक्षा के लिए सिया चिन, गुलमर्ग, लद्दाख में माइनस पचपन डिग्री पर तैनात हमारे
जवानों के पास अगर स्नो बूट्स न हों, स्नो गॉगल्स न हों , हाई एल्टीट्यूड क्लोद्स एंड इक्विपमेंट न हों और
तो और पर्याप्त भोजन तक न मिलता हो जवानों को तो इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है?
पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में प्रेस से बातचीत करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि बीते सोमवार को देश की संसद के दोनों सदनों में कैग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में
खुलासा हुआ है कि ऊंचाई वाले लद्दाख सिया चिन , गुलमर्ग जैसे बर्फीले इलाकों में माइनस पचपन डिग्री
में सैनिकों को स्नो बूट्स स्नो गॉगल्स जैकेट व स्लीपिंग बैग्स की भारी कमी है और तो और सैनिकों को
उचित मात्रा में भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। धस्माना ने कहा कि इस रिपोर्ट से पूरे देश में व विशेष तौर पे
उत्तराखंड में लोगों के मन में चिंता होना स्वाभाविक है क्योंकि उत्तराखंड एक सैन्य बाहुल्य प्रदेश है और
दो दिन पूर्व ही सिया चिन में तैनात एक फौजी रमेश बहुगुणा का शव उत्तराखंड आया था जो ठंड व
ऑक्सीजन की कमी की वजह से शहीद हो गए थे, धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में जनसंख्या के अनुपात
में सबसे अधिक लोग सैना व अर्द्ध सैनिक बलों में देश सेवा में हैं इसलिए कैग को रिपोर्ट से
उत्तराखंडवासियों के मन में चिंता होना स्वाभाविक जी। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार फ़ौज के
नाम पर केवल राजनीति कर शहादतों पर वोट ले सकती है लेकिन फ़ौज के जवानों को जूते चश्मे व
स्लीपिंग बैग्स व भोजन तक मोहिय्या नहीं करा सकती। 1999 में कारगिल रिव्यू कमेटी द्वारा सुझाई गयी
इंडियन नेशनल यूनिवर्सिटी जिसको यूपीए सरकार ने 2010 में स्वीकृति प्रदान कर 2012 में गुड़गांव में
164 करोड़ रुपए की भूमि खरीद कर उपलब्ध कराई थी आज तक नहीं शुरू हो पाई, धस्माना ने कहा कि
कैग ने खुलासा किया है कि इस विवि का प्रस्ताव पिछले छह वर्षों से केंद्र सरकार के पास पड़ा है मंजूरी के
लिए और इन छह वर्षों में इस योजना की कीमत 395 करोड़ है।