Legal : देवस्थानम एक्ट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने राज्यसभा सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका खारिज करते हुए अधिनियम को संवैधानिक घोषित कर दिया है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा था।
मुख्य न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई हुई।
मामला
सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश सरकार की ओर से चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम बोर्ड एक्ट असंवैधानिक है।
देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से सरकार का चारधाम व 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में लेना संविधान के अनुच्छेद 25, 26 व 32 का उल्लंघन है। यह जनभावनाओं के विरुद्ध है।
इसमें मुख्यमंत्री को भी शामिल किया गया है, जबकि मुख्यमंत्री का कार्य सरकार चलाना है और वो जनप्रतिनिधि हैं। उन्हें इस बोर्ड में रखने का कोई औचित्य नहीं है।
मंदिर के प्रबंधन के लिए पहले से ही मंदिर समिति का गठन हुआ है।
कोर्ट ने राज्य सरकार ने पूछा था कि क्या यह एक्ट असंवैधानिक है ?
राज्य सरकार ने उत्तर दिया था कि एक्ट असंवैधानिक नहीं है। इससे संविधान के अनुछेद 25, 26 और 32 का उल्लंघन नहीं होता है। राज्य सरकार ने एक्ट को बड़ी पारदर्शिता से बनाया है। मंदिर में चढ़ने वाला चढ़ावे का पूरा रिकार्ड रखा जा रहा है। याचिका निराधार है और इसे निरस्त किया जाए।