- बहुत हुई मंहगाई की मार, अबकी बार भाजपा सरकार
- बहुत हुई पेट्रोल डीजल की मार, अबकी बार भाजपा सरकार
चुनाव के समय लगे यह नारे, आज की परिस्थितियों में बस चुनावी जुमला प्रतीत हो रहे हैं |
पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं |
आज डीजल इतिहास बनाते हुए पेट्रोल से भी मंहगा हो गया |
तुर्रा यह है कि वैश्विक बाज़ार में कच्चा तेल लंबे समय से अपने न्यूनतम बिंदु पर है |
लेकिन भारत की जनता को इसका लाभ सरकार ने कभी उपलब्ध नहीं करवाया |
उल्टा पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छूने लगे हैं |
इसका असर जल्द ही प्रत्यक्ष रूप से जनता की जेब पर पड़ने वाला है |
डीजल भारतीय माल ढुलाई क्षेत्र की नींव है |
इसका दाम बढ़ने के कई मायने हैं |
बढ़ेगी मंहगाई
अनाज, आटा, तेल, दालें, मसाले, फल, सब्जियां, दूध, दुग्ध उत्पाद
यह सब बाजार तक डीजल वाहनों के माध्यम से ही आते हैं |
डीजल के दाम बढ़ने से ढुलाई दर बढ़ेगी और पहले से जेब काटती मंहगाई अब गला काटने के स्तर पर आ जाएगी |
खेती करना होगा मंहगा
एक ओर तो सरकार, गांव में रुक कर काम करने की सलाह और पैकेजों के वायदे दे रही है |
वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नींव कृषि अब मंहगी होने जा रही है |
खेती में प्रयोग होने वाले जुताई ट्रैक्टर, ट्यूबवेल, हारवेस्टर और तैयार फसल ढुलाई के लिये ट्रैक्टर या ट्रक डीजल से ही चलते हैं |
डीजल के दाम बढ़ने से यह सब मंहगा हो जाएगा |
और सीमांत किसान आधुनिक खेती न कर पाने की सूरत में परंपरागत खेती करेंगे |
जिससे उत्पादन कम होगा |
परिवहन होगा मंहगा
कोविड – 19 के कारण पहले ही बस, ट्रेन और हवाई जहाज का किराया आसमान छू रहा है |
सोशल डिस्टेंसिंग के कारण कम लोगों को बिठाया जा रहा है,
लेकिन उन्हीं लोगों से खाली सीटों का किराया भी वसूल लिया जा रहा है |
डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ने से सार्वजनिक परिवहन तो मंहगा होगा ही,
व्यक्तिगत परिवहन का बढ़ा खर्च भी मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की रही सही कमर तोड़ देगा |
सरकार का इस विषय पर किंकर्तव्यविमूढ़ होना,
देश, जनता, अर्थव्यवस्था सबके लिये घातक है |
केन्द्र और राज्य सरकार को अपने चुनावी वायदों का संज्ञान लेना चाहिये |
नहीं तो जनता कह उठेगी – अबकी बार, फ्लाप हुई सरकार