नई दिल्ली। जनसरोकारों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध उत्तराखंड की प्रख्यात समाजिक संस्था उत्तरायणी द्वारा इंडिया इंटरनैशनल सेंटर (आईआईसी) नई दिल्ली मे आयोजित उत्तराखंड के जल संचय, संवर्धन व संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर आयोजित सेमिनार सम्पन्न हुआ।
उत्तराखंड नीति आयोग के सलाहकार एच पी उनियाल ने उत्तराखण्ड राज्य में जल संरक्षण की नीतियों और नियमों के बारे में बताते हुये कहा कि पिछले 3 वर्षो में राज्य में जल संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किये गये है जिसमें उत्तराखण्ड राज्य में 63890 यूनिट जल संरक्षण/संरचानाऐं/तालाबों आदि का निर्माण किया गया है, और रिचार्ज के लिये 31.23 लीटर वर्षा जल भंडारण की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त सूक्ष्म जलग्रहण क्षेत्र में मैक्रो एवं माइक्रो जलग्रहण क्षेत्रों का सीमांकन/रेखांकन वैज्ञानिक आधार पर किया गया है। जिसमें से अभी तक 69 जलग्रहण क्षेत्रों का उपचार किया गया है। उत्तराखण्ड राज्य में वर्षा जल संचयन योजना के तहत 63 रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया है।उन्होनें बताया कि उत्तराखण्ड वन विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में 331 लाख पौधें लगाऐं गये एवं जल संस्थान द्वारा अब तक 1037 पुरानें मृत चालखाल को पुर्नर्जीवित किया गया।
जल संवर्द्धन से जुड़े विभिन्न विषयों पर पांच सत्रों के इस सेमिनार के उद्देश्य पर उत्तरायणी संस्था के अध्यक्ष कर्नल डॉ विपिन पांडे द्वारा संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया। यह भी अवगत कराया कि जनसरोकारों से जुड़े जल संवर्धन जैसे ज्वलंत विषय पर उनकी संस्था का यह पहला सेमिनार है।
जल संवर्धन से जुड़े विषयो पर पांच सत्रो के सेमिनार को जल विज्ञानी पद्मश्री डॉ अनिल प्रकाश जोशी, पूर्व जल संसाधन सचिव भारत सरकार आलोक रावत, डॉ पी के जोशी, निदेशक दक्षिण एशिया अंतराष्ट्रीय फूड पालिसी एवं अनुसंधान संस्थान, यूडीआरएफ अध्यक्ष गिरिजा शंकर जोशी, पूर्व निदेशक उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी डॉ दुर्गेश पंत, विभागाध्यक्ष इनर्जी और वाटर भारत सरकार डॉ संजय बाजपेयी, सलाहकार नीति आयोग उत्तराखंड सरकार एच पी उनियाल, फाउंडर फील गुड सुधीर सुन्दरियाल, पूर्व एमडी उत्तराखंड फोरिस्ट कोर्पोरेशन एसटीएस लेप्चा, संस्थापक जल, जमीन, जंगल-जीवन जगत सिंह चौधरी, नोंला फाउंडेशन बिशन सिंह बंशी, टाटा ट्रस्ट विज्ञानी डॉ सुनीश शर्मा, मैती आंदोलन संस्थापक कल्याण सिंह रावत, मैम्बर एक्सपर्ट वाटर रिसोर्स भारत सरकार डॉ भाष्कर पाटनी, जल विज्ञानी डॉ एम सी तिवारी, पूर्व आईएएस डॉ कमल टावरी तथा अध्यक्ष इंटीग्रेटेड माउंटेन इनिटिएटिव सुशील रमोला ने उत्तराखंड राज्य के जल संरक्षण व संवर्धन पर आठ घन्टे तक चले सेमिनार मे सारगर्भित तथ्यपरख विचार रखे।
सेमिनार मे प्रबुद्ध जल विशेषज्ञयों के विचारों व सुझाओ पर श्रोताओं द्वारा सवाल किए गए व वक्ताओ द्वारा संतोष जनक जवाब दिए गए। उत्तरायणी के उपाध्यक्ष जी डी गौड द्वारा सभी वक्ताओ, संस्था सदस्यों व अन्य गणमान्य अतिथियो को धन्यवाद देने के साथ ही जनसरोकारों से जुड़े सेमिनार का समापन हुआ। उत्तराखंड के विधयक पुष्कर सिंह धामी सहित अनेक प्रबुद्ध व्यक्तियों ने सेमिनार में प्रतिभाग किया। मंच का संचालन संस्था की कारिणी सदस्य मीणा कंडवाल ने किया।