जम्मू में पहली बार भारत के संविधान के अंतर्गत होगा मतदान – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
अनुच्छेद-370 हटने से 70 साल के बाद जम्मू कश्मीर की माताओं-बहनों को मिला अधिकार – गृह मंत्री
जम्मू-कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होगा मतदान
जम्मू। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू में एक रैली को संबोधित कर रहे हैं। अमित शाह ने लोगों से कहा कि यह संयोग है कि भाजपा की पहली चुनावी रैली गणेश चतुर्थी के दिन शुरू हो रही है। आगामी चुनाव ऐतिहासिक चुनाव है। देश की आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मतदाता तिरंगे के नीचे अपना वोट डालेंगे। अमित शाह ने कहा कि मैं राहुल गांधी से एक बात कहना चाहता हूं कि आप चाहे जितनी कोशिश कर लें, हम गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ी और दलितों के आरक्षण को छूने नहीं देंगे। जब तक शांति नहीं होगी, पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी।
रैली में जम्मू कश्मीर के लोगों से बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आने वाला चुनाव एक ऐतिहासिक चुनाव है। जब से देश आजाद हुआ। पहली बार जम्मू कश्मीर का मतदाता दो झंडे नहीं, एक तिरंगे के नीचे अपना मतदान करेगा। पहली बार, दो संविधान नहीं, भारत के संविधान (जिसको बाबा साहेब अंबेडकर ने बनाया) के अंतर्गत मतदान होने जा रहा है। पहली बार, पूरे जम्मू कश्मीर सूबे में प्रधानमंत्री नहीं बैठ सकता, प्रधानमंत्री एक ही होता है। जिसे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की जनता चुन कर भेजती है और वो हैं हमारे प्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
आगे कहा कि हमने घर-घर जाकर इनके (नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस) विभाजनकारी एजेंडे के प्रति लोगों को जागरूक किया है। मैंने एक प्रेस वार्ता कर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडे को उजागर किया था। लेकिन आज मैं आप सब के सामने आया हूं, क्योंकि मैं मीडिया से ज्यादा भरोसा आप पर करता हूं। क्योंकि मैं भी आपकी जमात वाला हूं, मैं भी बूथ अध्यक्ष रहा हूं। अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने से 70 साल के बाद जम्मू कश्मीर की माताओं-बहनों को अधिकार मिला है।
नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी ये अधिकार छीनना चाहती है। ये अधिकार आप छीनने दोगे। नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी पत्थरबाजी व आतंकवाद में लिप्त लोगों को जेल से छोड़ना चाहती है ताकि जम्मू, पुंछ, राजौरी जैसे क्षेत्र जहां शांति है, वहां फिर से आतंकवाद आए। क्या आप इन क्षत्रों में आतंकवाद को फिर से आने दोगे? जम्मू-कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होना है, जबकि अन्य दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।