सरकार ने जताई ख़ुशी, विपक्ष को स्थाई राजधानी से कम पर मंजूर नहीं
देहरादून। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड को फ़िलहाल ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण
(भराड़ीसैंण) मिल गई है। गैरसैंण को लेकर सरकार खुश है तो विपक्षी दलों के साथ उत्तराखंड राज्य
आंदोलनकारियों को गैरसैंण स्थाई राजधानी चाहिए।
भराड़ीसैण को देंगे आदर्श पर्वतीय राजधानी का रूप : त्रिवेंद्र
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भराड़ीसैण को आदर्श पर्वतीय राजधानी
का रूप दिया जाएगा। आने वाले समय में भराड़ीसैण सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में अपनी पहचान
बनाएगी। भराड़ीसैण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए 4 मार्च 2020 को की गई घोषणा
सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान है। अब अधिसूचना लागू करने से भराड़ीसैण,
गैरसैंण आधिकारिक रूप से ग्रीष्मकालीन राजधानी हो गई है।
राज्य के शहीद आंदोलनकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि : अग्रवाल
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल।
राज्यपाल द्वारा भराड़ीसैंण(गैरसैंण) में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के सरकार के फैसले को
मंजूरी दिए जाने पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए राज्यपाल का
आभार व्यक्त किया है। अग्रवाल ने सरकार को भी बधाई देते हुए कहा है कि आज सभी राज्य
आंदोलनकारियों एवं प्रदेशवासियों के सपनो को साकार करने का काम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के
नेतृत्व में सरकार द्वारा किया गया है।
स्थायी राजधानी बताए सरकार : धस्माना
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल द्वारा गैरसैंण को प्रदेश की
ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाये जाने के बिल पर सहमति प्रदान किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे मात्र
जनता का ध्यान कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में सरकार की हो रही फजीहत से ध्यान भटकाने
वाला शिगूफा करार दिया । उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह पहले ही इस विषय पर पार्टी का स्टैंड साफ कर चुके हैं। धस्माना ने कहा
कि पहले तो त्रिवेंद्र सरकार यह बताए कि राज्य की स्थायी राजधानी कौन सी है और फिर यह स्पष्ट करे कि
क्या एक राज्य में दो अस्थायी राजधानियां होना उचित है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण के साथ उत्तराखंड के
तीनों संभागों कुमाऊँ गढ़वाल व तराई सब की भावना जुड़ी हुई है और उत्तराखंड आंदोलन में गैरसैंण एक
एकता व सर्वसम्मति का केंद्र था इसीलिए 2012 में सरकार में आने के बाद कांग्रेस ने गैरसैंण में पहले तंबू
में कैबिनेट व विधानसभा सत्र फिर शिलान्यास और तत्पश्चात विधानभवन व सचिवालय और तमाम
अवस्थापना के काम करवाये । धस्माना ने कहा कि बीजेपी सरकार जनता के सामने यह स्पष्ट करे कि
पिछले तीन वर्षों में क्या एक ईंट भी इस सरकार ने लगवाई ? उन्होंने कहा कि बीजेपी का यह आचरण है
कि बच्चा किसी का और नामकरण कर उसको अपना बताने की कुचेष्टा करना। धस्माना ने कहा कि
गैरसैंण में जो काम कांग्रेस ने शुरू किया था उसे अंजाम तक भी कांग्रेस ही पहुंचाएगी।
अधिसूचना की प्रतियां जलाएं : धीरेन्द्र
मुख्य केन्द्रीय संरक्षक चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी समिति धीरेंद्र प्रताप।
मुख्य केन्द्रीय संरक्षक चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी समिति धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि सभी साथियों से
अपील है कि 8 जून और 9 जून को राज्यपाल द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की
अधिसूचना पर लगाई गई मोहर और हस्ताक्षर की प्रतियां जलाएं। यह जन आकांक्षाओं व व राज्य निर्माण
आंदोलनकारी शहीदों के सपनों के विरुद्ध उठाया गया तानाशाही पूर्ण कदम है। हमें ग्रीष्मकालीन
राजधानी नहीं हमें गैरसैंण पूर्णकालिक राजधानी चाहिए। यही हमारे शहीदों का सपना था। यह हमारे
16000 पर्वतीय गांवो के विकास की अवधारणा है।
त्रिवेंद्र सरकार पहाड़ विरोधी : यूकेडी
उत्तराखंड क्रान्ति दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार।
उत्तराखंड में भाजपानीत त्रिवेंद्र की सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की अधिसूचना जारी
करके अपनी मानसिकता दिखा दी है कि त्रिवेंद्र की सरकार पहाड़ विरोधी है। उत्तराखंड क्रान्ति दल की
आपातकालीन बैठक दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय में आहूत की गयी,
जिसमें पंवार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की अधिसूचना जारी का विरोध जताया । पंवार ने कहा
कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन घोषित कर सैर सपाटे के लिये बना दिया है। राज्य की जनभावनाओं एवम
शहीदों का सबसे बड़ा अपमानित किया है। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन की अधिसूचना से जाहिर है कि त्रिवेंद्र
की सरकार वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और बाबा मोहन उत्तराखंडी का अपमान इससे ज्यादा क्या हो सकता
है। इस अवसर पर लताफत हुसैन ने कहा कि गैरसैंण राज्य की हृदयस्थली हैं, उक्रांद गैरसैंण को पूर्ण
कालीन राजधानी से कम बर्दाश्त नही करेगा। सुनील ध्यानी ने कहा कि उक्रांद राज्य सरकार की खिलाफ
आर पार की लड़ाई के लिये तैयार है गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन की घोषणा व अधिसूचना राज्य आंदोलन का
अपमान व शहीदों के स्वप्नों का कत्ल है।
लगातार संघर्ष के चलते मिली जीत : कुकरेती
राज्य आन्दोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती।
गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाये जाने पर राज्यपाल की यह मोहर प्रदेश की जनता
के साथ त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा किये प्रस्ताव को वैधानिकता प्रदान करने पर राज्य आन्दोलनकारी मंच
द्बारा लगातार संघर्ष का दबाव के चलते जीत बताया। राज्य आन्दोलनकारी मंच के प्रदेश महासचिव
रामलाल खंडूड़ी व जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने इस कदम का स्वागत किया है़ उन्होने कहां कि राज्य
आन्दोलनकारी मंच स्थाई राजधानी बनने तक़ अपना संघर्ष जारी रखेगा। शहीदों क़ी सच्ची श्रद्धांजली तभी
होगी जब गैरसैंण स्थाई राजधानी बनेंगी। राज्य आंदोलन की भावना और दृष्टिकोण के साथ अभी आधी
जीत है। राज्य आंदोलन के समय किसी ने,कभी भी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की मांग नहीं
की। मांग गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाने की थी,जिसके पीछे तार्किक कारण थे। 13
जिलों के छोटे से प्रदेश में दो राजधानियां औचित्यहीन और जनता के धन की बर्बादी है।
मंच ने माँग की, कि ग्रीष्कालीन-शीतकालीन के तमाशे को खत्म कर उत्तराखंड राज्यआंदोलनकारियों के
सपने और दृष्टिकोण का सम्मान करते हुए शीघ्र गैरसैंण को की स्थायी राजधानी घोषित किया जाए।