देहरादून। उत्तराखंड सरकार देहरादून को न तो स्मार्ट सिटी हीं बना पाई, वहीं स्मार्ट सिटी के नाम पर जो हो रहा है वो सरकार की अदूरदर्शी नीति है,
जिससे हज़ारों लोगों को आने वाले दिनों में रोज़ी रोटी का संकट पड़ने वाले हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने निरंजनपुर सब्ज़ी मंडी परिसर में आयोजित फुटकर फल सब्ज़ी विक्रेता एवं माशाखोर उत्थान समिति के स्थापना दिवस सम्मेलन को बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर एक ओर सत्तर सत्तर साल पुरानी इमारतों को ध्वस्त करने की कार्यवाही की जा रही है
दूसरी ओर साठ साल पुरानी छोटी सब्ज़ी मंडी व मोती बाजार की सब्ज़ी मंडी को हटा कर सैकड़ों लोगों को बेरोजगार करने का काम शासन प्रशासन द्वारा किया गया।
धस्माना ने कहा कि देहरादून में लगभग दस से पंद्रह हजार फुटकर में ठेली, फड़ व छोटी दुकानें सज़ा कर सब्जी व फल बेचने वाले लोग हैं
जिनके लिए सरकार प्रशाषन व नगर निगम बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किये उनको हटाने की कार्यवाही कर रहे हैं जो सरासर अन्याय है।
धस्माना ने कहा कि ये हज़ारों लोग स्थानीय हैं और मेहनत कर के रोटी रोज़ी कमाते हैं, इन लोगों ने वोट दे कर बीजेपी को सत्तासीन किया है।
आज सरकार या कोई जन प्रतिनिधि इनके दर्द को सुनने के लिए तैयार नहीं है जो कि बेहद अफसोसनाक है।
धस्माना ने कहा कि अब नवगठित समिति इनकी आवाज़ को पुरजोर तरीके से उठाएगी और आवश्यकता पड़ने पर सड़कों में आंदोलन भी करेगी।
समिति के अध्यक्ष सईद अहमद ने कहा कि देहरादून में गरीबों की समस्याओं को केवल एक ही नेता सुनता है और इसीलिये समिति ने धस्माना को अपनी समिति का संरक्षक बनाया है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन्न नागलिया ने कहा कि फल सब्ज़ी विक्रेताओं को जब भी जरूरत होगी पूरा व्यापार मंडल उनका साथ देगा।