कोरोना संक्रमण एक नई बीमारी है अतः इसके बारे में ताजी सूचनाएं समय-समय पर अपडेट की जाती हैं। कोविड-19 की बीमारी से उबरने के बाद भी मरीजों में थकावट, बदन दर्द, कफ, खांसी, खराब गला, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि समस्याएं देखने में आ रही हैं। इन सब को ध्यान में रखते हुए इस बीमारी से उबरने के लिए भारत सरकार ने एक सुनिश्चित प्रोटोकॉल बनाया है।
व्यक्तिगत स्तर पर
- कोरोना वायरस सम्मत व्यवहार जारी रखें जैसे मास्क का उपयोग करना, हाथ और सांस संबंधी साफ सफाई रखना, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना
- पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पिएं यदि इसके लिए डॉक्टर ने मना ना किया हो
- आयुष कि वह दवाएं लें जिससे कि आप की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
-
आयुष की दवा
- आयुष क्वाथ 150 मिलीलीटर प्रतिदिन
- शमशामणि वटी दिन में दो बार 500 मिलीग्राम
- गिलोय पाउडर 1 से 3 ग्राम 15 दिन तक गर्म पानी के साथ
- अश्वगंधा दिन में दो बार 500 मिलीग्राम
- आंवले का एक फल रोज या 1 से 3 ग्राम आमला पाउडर प्रतिदिन
- मुलेठी का पाउडर 1 से 3 ग्राम गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार
- यदि सूखी खांसी हो तो सुबह शाम गर्म दूध के साथ आधा चम्मच हल्दी
- हल्दी और नमक के पानी से गरारे
- एक चम्मच च्यवनप्राश रोज सुबह
- आयुष मंत्रालय ने सुबह गुनगुने पानी और दिया दूध के साथ एक चम्मच च्यवनप्राश कोरोना से रिकवरी के लिए बहुत प्रभावी माना है
- यदि स्वास्थ्य सम्मत हो तो सामान्य घरेलू कार्य किए जाने चाहिए जबकि ऑफिस संबंधी कार्य धीरे-धीरे प्रारंभ करने चाहिए
- हल्की से मध्यम कसरत जिसके अंतर्गत प्रतिदिन योगासन प्राणायाम ध्यान सांस लेने की कसरतें जो डॉक्टर बताएं
- प्रतिदिन सुबह या शाम को हल्की चाल से सैर
- संतुलित पोषक आहार जो आसानी से पच जाए
- भरपूर नींद और आराम
- सिगरेट और शराब के प्रयोग से बचें
- कोरोना के लिए बताई गई सभी दवाएं समय पर लें और यदि कोई अन्य बीमारी साथ में है तो उसकी दवाई भी लें
- डॉक्टर को स्वयं के द्वारा ली जाने वाली सभी दवाएं चाहे वह एलोपैथिक हो या आयुष के बारे में जानकारी दें
- घर पर अपने स्वास्थ्य की स्वयं जांच करें जैसे तापमान, रक्तचाप, यदि डायबिटीज हो तो रक्त शर्करा, पल्स ऑक्सीमीट्री
- यदि सूखी खांसी या गला खराब होने की स्थिति लगातार बनी हो तो नमक के पानी से गरारे करें
- यदि तेज बुखार, सांस लेने में समस्या, ऑक्सीजन लेवल का कम होना 95% से, सीने में दर्द, नजर की कमजोरी इत्यादि महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
सामुदायिक स्तर पर
- ठीक हो चुके व्यक्ति अपने सकारात्मक अनुभव अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से सोशल मीडिया, धर्मगुरुओं, समुदाय के नेताओं इत्यादि के माध्यम से बताएं
- ताकि इस बीमारी के बारे में फैलाई गई भ्रांतियां दूर हो सकें
- सामुदायिक स्तर पर आधारित सेल्फ हेल्प ग्रुप सिविल सोसाइटी और मेडिकल सोशल इत्यादि क्षेत्रों में उपलब्ध प्रोफेशनल जो रिकवरी तथा पुनर्वास में सहायक हों की सहायता ले सकते हैं
- मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता संतो, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों, काउंसलर इत्यादि से प्राप्त करें
- योग ध्यान इत्यादि के सामूहिक कार्यक्रमों में हिस्सा लें परंतु फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें