देहरादून के द्वारा, मालदेवता, शेरकी और टिहरी सीमा पर लगे कुमाल्डा क्षेत्र में गुलदार का एक जोड़ा सक्रिय है |
इसका कारण लॉकडाउन, सड़क निर्माण के कारण जंगल क्षेत्र में आवाजाही और कटान बढ़ना, तथा मेटिंग पीरियड होना माना जा रहा है |
यहां से गुलदार गाय और बकरे उठा चुका है |
लोगों में दहशत है |
लोग चारा लेने के लिये जंगल में जाते हैं |
ऐसे में गुलदार के हमले का खतरा बना हुआ है |
वहीं मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में भी गुलदार सक्रिय है |
कल वहां गुलदार ने हिरण को मार दिया | कई कुत्तों का भी शिकार कर चुका है |
लोग घबराए हुए हैं |
वन विभाग ने सतर्कता की अपील की है |
इसी तरह एफआरआई के पीछे फुलसनी का इलाका, मोथरो वाला से आगे दूधली आदि जगहों पर भी गुलदार सक्रिय रहता है |
इन क्षेत्रों में बहुत सुबह और शाम को निकलना फिलहाल खतरे से खाली नहीं है |
आपके क्षेत्र में गुलदार की सक्रियता की पहचान आप खुद भी कर सकते है |
1) लेपर्ड्स स्कैट या गुलदार का मल मिल सकता है

फोटो – अभिषेक कुमार
2) पग मार्क्स या गुलदार के पंजों के निशान गीली मिट्टी या धूल पर बने दिख सकते हैं

गुलदार के पंजों के निशान
3) इलाके से कुत्तों का गायब होना सबसे बड़ी पहचान है अगर आप उपरोक्त दोनों पहचान नहीं कर पाते हैं