हर साल की भांति इस बार भी उत्तराखंड जलसंस्थान ने
पानी की घरेलू दरों को 9 से 11 प्रतिशत जबकि व्यावसायिक दरों को 13 से 15 प्रतिशत बढ़ाया है।
यह बढ़ोतरी एक अप्रैल से लागू हो गई है।
हर वर्ष अप्रैल में जलसंस्थान पानी की दरों में बढ़ोत्तरी करता है।
कोरोना संकट में लोग पानी के बिलों में राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन जल संस्थान ने लोगों को राहत देने की बजाय दरों में इजाफा कर लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
अप्रैल से जुलाई तक चार माह का बिल उपभोक्ताओं के पास पहुंचा तो उन्हें दरों में बढ़ोतरी की जानकारी मिली।
पहले के मुकाबले बिल सौ से डेढ़ सौ रुपये ज्यादा आया है।
जब इस संबंध में उपभोक्ताओं ने जल संस्थान से संपर्क किया तो पता चला कि हर साल की भांति इस बार भी जल संस्थान ने बिलों में बढ़ोतरी की है।
नए टैरिफ लागू होने के कारण घरेलू उपभोक्ताओं को जहां 50 से 60 रुपये अधिक चुकाने होंगे।
वहीं व्यवसायिक उपभोक्ताओं को भी कैटेगरी के अनुसार पहले से अधिक मूल्य चुकाना पड़ेगा।
कोरोना संकट के कारण लोग इस बार पानी के बिलों में राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे।
होटल, रेस्टोरेंट, इंडस्ट्री वाले यह मान कर चल रहे थे कि अगर बिल माफ नहीं किए गए तो कम से कम दरों में बढ़ोतरी तो नहीं होगी।
आम लोग भी यही उम्मीद कर रहे थे।
लेकिन कोरोना काल में कोई भी छूट मिलती नहीं दिख रही है।
महाप्रबंधक जल संस्थान के अनुसार जल संस्थान को पानी की दरों में हर साल 15 प्रतिशत बढ़ोतरी का अधिकार है।
इस बार भी घरेलू में नौ से 11 प्रतिशत और व्यवसायिक में 13 से 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।
शासन से दरों को यथावत रखने का कोई आदेश भी नहीं मिला था।