देहरादून। राजपुर थाना क्षेत्र के मसूरी रोड पर आरपी ईश्वरन के यंहा हुई लूट में शामिल हैदर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
22 सितंबर को आरपी ईश्वरन निवासी मसूरी रोड निकट मैक्स अस्पताल देहरादून द्वारा थाना राजपुर पर सूचना दी गयी थी कि चार हथियारबन्द लोगों द्वारा उन्हें व उनके परिवार को घर पर बन्धक बनाकर उनके घर से नकदी, ज्वैलरी व अन्य सामान लूट कर ले गये हैं। इस सूचना पुलिस टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर पुलिस अधीक्षक नगर के नेतृत्व में पुलिस टीमों का गठन किया गया । गठित टीमों ने 30 सितंबर को घटना में सम्मिलित चार अभियुक्तों विरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब, मौ0 अदनान, मुजिब्बुर्रहमान उर्फ पीरू तथा फुरकान को लूटी गयी 11 लाख 69 हजार 500 रूपये की नकदी एवं ज्वैलरी तथा 01अक्टूबर को फिरोज पुत्र शहाबुद्दीन को घटना में लूटी गयी रूपये 50 हजार की नकदी, ज्वैलरी व घटना में प्रयुक्त बीट कार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ करने पर घटना में तीन अन्य अभियुक्तों हैदर अली पुत्र इस्लामुद्दीन निवासी महदूदगांव नूरपुर, थाना चांदपुर, जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश फईम पुत्र शहाबुद्दीन निवासी रघुवीर नगर, नई दिल्ली व मिश्रा नाम/पता अज्ञात का सम्मिलित होना ज्ञात हुआ। जिस पर पुलिस टीमों द्वारा उक्त अभियुक्तों के सम्भावित स्थानों पर लगातार दबिशें दी जा रही थी। 02अक्टूबर को पुलिस टीम को जरिये मुखबिर सूचना मिली कि घटना में सम्मिलित एक अभियुक्त हैदर वर्तमान में बिजनौर उत्तरप्रदेश में है तथा वहां से भागने की फिराक में है। उक्त सूचना पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त हैदर को नूरपुर बिजनौर हाईवे पर खासपुरा तिराहे से गिरफ्तार किया गया। मौके पर अभियुक्त की जामा तलाशी लेने पर अभियुक्त के कब्जे से घटना में लूटी गयी नकदी, ज्वैलरी व अन्य सामान बरामद हुआ।
पूछताछ में अभियुक्त हैदर द्वारा बताया गया कि पहले मैं दिल्ली में बेकरी का कार्य करता था । वर्ष 2015 में उसके परिचित तिलकराज के माध्यम से मेरी पहचान विरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब उर्फ डीआईजी से हुई थी। उसके पश्चात् ठाकुर साहब का अक्सर मेरे यहां आना जाना लगा रहता था। वह मुझे अपने दत्तक पुत्र की तरह मानता था तथा मैं उसके साथ उसके घर पर ही रहता था। पूर्व में भी मेरे द्वारा ठाकुर साहब के साथ मिलकर कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। देहरादून में हुई लूट की घटना की योजना भी विरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब द्वारा बनायी गयी थी। उक्त बरामदा ज्वैलरी व रूपये उसी लूट की घटना के हैं, जिसे विरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब व मेरे द्वारा हमारे अन्य साथियों अदनान, फईम, मिश्रा, पीरू व फुरकान के साथ मिलकर 22 सितंबर की रात्रि में मसूरी रोड देहरादून स्थित एक बडी कोठी से की गयी थी, जिसकी रैकी ठाकुर साहब द्वारा पीरू व फुरकान से करायी गयी थी। लूट की घटना को अंजाम देने के लिये हम बीट गाडी से देहरादून आये थे तथा घटना को अंजाम देने के बाद हम दिल्ली वापस चले गये थे। लूट की घटना मे प्राप्त नकदी को हमारे द्वारा रास्ते में आपस में बांट लिया था तथा दिल्ली पहुंचने पर हमारे द्वारा कुछ ज्वैलरी को बेचकर उससे प्राप्त रूपयों व बची हुई ज्वैलरी को भी आपस में बाट लिया गया था। दो दिन पहले मुझे जानकारी मिली कि देहरादून पुलिस द्वारा विरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब व मेरे कुछ साथियों को पकड लिया गया है तो मैं अपने हिस्से में आयी लूटी गयी ज्वैलरी को बेचकर उससे प्राप्त रूपयों व बची हुई ज्वैलरी को लेकर कहीं और भागने की फिराक में था।
राजपुर थाना क्षेत्र के मसूरी रोड पर आरपी ईश्वरन के यंहा हुई लूट में शामिल हैदर पुलिस की गिरफ्त में।