उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच 74 मुआवजा घोटाले में आरोपित आईएएस अधिकारी चंद्रेश यादव को शासन ने क्लीन चिट दे दी है।
शासन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर चंद्रेश को भविष्य के लिए सचेत करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया है।
इस संबंधित अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी कर दिए।
शासन ने उन्हें बैक डेट से प्रभारी सचिव का 8700 रुपये का ग्रेड वेतन भी दिया है।
चंद्रेश यादव शासन में अभी अपर सचिव हैं।
जब वह ऊधमसिंह नगर जिले में तैनात थे तो उस अवधि में उन पर आर्बिट्रेटर के तौर पर एनएच-74 की भूमि का गलत मुआवजा दर्शाने का आरोप लगा था।
आरोप यह था कि कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि दिखा कर गलत मुआवजा तय किया गया।
और वित्तीय नियमों की अनदेखी की गई।
ऊधमसिंह नगर में डीएम रहे एक अन्य आईएएस अफसर पर भी आरोप लगे।
शासन ने दोनों अधिकारियों को आरोपों के आधार पर निलंबित कर दिया था।
कालान्तर में दोनों अधिकारियों को बहाल कर दिया गया।
चंद्रेश यादव के मामले की जांच का जिम्मा सचिव शैलेश बगौली को सौंपा गया।
बगौली ने उनके मामले की जांच पूरी कर शासन को सौंप दी।
उनकी जांच रिपोर्ट और चंद्रेश यादव के आरोप पत्र के जवाब और अदालतों में चल रही कार्यवाही और फैसलों का परीक्षण करने के बाद
कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने उन्हें अनुशासनिक कार्रवाई से मुक्त करने के साथ पिछली तिथि से प्रभारी सचिव का उच्च वेतनमान भी दे दिया।