बाड़ेछीना के निकट पल्यू कांचुला पुल के पास गत 20 जुलाई को लाठी डंडों से हमला करके हुई राजेंद्र सिंह की हत्या के मामले का
खुलासा करते हुए अल्मोड़ा पुलिस ने बीडीसी सदस्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि राजेंद्र की हत्या पंचायत चुनाव की रंजिश में की गई थी।
वारदात में शामिल आठ लोग फरार हैं , जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया है और
निशानदेही पर मर्डर वेपन (तीन लाठी डंडे) के साथ राजेंद्र क्षतिग्रस्त मोबाइल भी बरामद किया है।
घटना क्रम
- गत 20 जुलाई को बाड़ेछीना के अंतर्गत ग्राम पल्यू काचूली पुल के पास सुपई गांव निवासी राजेंद्र सिंह चम्याल की लाठी, डंडो से पीटकर हत्या कर दी गई थी।
- राजेंद्र की पत्नी कमला चम्याल ने अज्ञात लोगों के खिलाफ राजस्व पुलिस में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
- परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कई घंटे तक शव भी नहीं उठाया था।
- डीएम के आश्वासन के बाद ही उन्होंने शव का अंतिम संस्कार किया।
- 27 जुलाई को डीएम ने जांच रेगुलर पुलिस को स्थानांतरित करने के आदेश दिए तो एसएसपी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह और कोतवाल हरेंद्र चौधरी की देखरेख में पुलिस टीम गठित कर दी।
- बृहस्पतिवार को पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पंचायत चुनाव के समय से दोनों पक्षों के बीच रंजिश चल रही थी
- 20 जुलाई को आरोपियों ने पूर्व नियोजित तरीके से पल्यू के पास एकत्र हुए और राजेंद्र सिंह पर लाठी डंडों से हमला करके हत्या कर दी।
- इसमें शामिल 11 लोगों में से बीडीसी सदस्य गिरधर सिंह सुपियाल उर्फ गुड्डू (30) पुत्र मोहन सिंह सुपियाल निवासी ग्राम सुपई
- सुपियाल, राजेंद्र सिंह डोलिया (32) पुत्र प्रेम सिंह डोलिया निवासी ग्राम सुपई सुपियाल और करन सिंह डोलिया (22) पुत्र शिवराज सिंह डोलिया निवासी ग्राम सुपई तिवारी को धारा 302/148/34 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
- अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
एसएसपी ने मामले का खुलासा करने वाली टीम को ढाई हजार रुपये का पुरस्कार देने की भी घोषणा की है।
पुलिस का दावा है कि मृतक राजेंद्र सिंह चम्याल और उसकी हत्या करने वाले आरोपियों के बीच पिछले पंचायत चुनावों से तनातनी चल रही थी।
राजेंद्र सिंह भी पहले प्रधानी का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था।
बाद में गांव के कुछ लोगों ने उसे समझाकर बैठा दिया।
उसके बाद राजेंद्र सिंह ने ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, इसमें भी वह हार गया। इसके बाद से दोनों पक्षों में रंजिश चल रही थी।
पुलिस के मुताबिक राजेंद्र सिंह भी उग्र स्वभाव का था इसकी वजह से उसका विवाद होता रहता था और 20 जुलाई को हुई यह घटना इसी का परिणाम रही।