Traffic : आज एक अक्टूबर से सूचना प्रौद्यागिकी की मदद से निजी और व्यवसायिक ड्राइवरों के व्यवहार की ऑनलाइन निगरानी करने की व्यवस्था लागू हो जाएगी।
पुलिस-यातायात अधिकारी से दुर्व्यवहार,
निर्देश पर वाहन नहीं रोकना,
ट्रक केबिन में सवारी बैठाना आदि
भारी जुर्माने व ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित अथवा रद होने का कारण बन सकता है।
सरकार पोर्टल पर बाकायदा इसका रिकॉर्ड रखेगी।
इससे भविष्य में ड्राइवर के व्यवहार का ऑनलाइन निगरानी हो सकेगी।
आज से डीएल व वाहनों के दस्तावेज पोर्टल पर रखने की सुविधा शुरू हो रही है।
पुलिस-परिवहन अधिकारी असल दस्तावेजों की मांग नहीं कर सकेंगे।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने नए नियमों संबंधी अधिसूचनाएं पहले ही जारी कर दी है।
इसके मुताबिक मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 19, 21 आदि के अनुसार
- बस, टैक्सी में अधिक सवारी बैठना,
- सवारी के साथ दुर्व्यवहार,
- स्टाप पर उन्हें नहीं उतारना,
- बस चलाते हुए धूम्रपान करना,
- शराब पीकर गाड़ी चलाना,
- वाहन बेवजह धीरे चलाना,
- देर से गंतव्य तक पहुंचाना,
- ट्रक के केबिन व पीछे सवारी बैठना,
- रुकने का इशारा करने के बावजूद वाहन नहीं रोकना,
- बस में सिगरेट पीना
आदि हरकत ड्राइवर को मंहगी पड़ेगी।
यातायात पुलिस ऐसे ड्राइवरों पर जुर्माना लगाने के साथ डीएल निलंबित अथवा रद्द कर सकती है।
ऐसे ड्राइवरों के वाहन का पंजीकरण निलंबित अथवा रद्द करने का प्रावधान होगा।
इसमें वाहन में बैठी सवारी को उतार कर प्रदर्शन व हड़ताल में शामिल होने वाले और
बुकिंग के बाद जाने से मना करने वाले कैब के ड्राइवर भी शामिल होंगे ।
यातायात पुलिस और आरटीओ को जुर्माना राशि, कार्यवाही आदि की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही प्रतिदिन पोर्टल को अपडेट करना होगा जिससे ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
नए कानून में दंडित ड्राइवर के व्यवहार का उल्लेख करना होगा।
जिससे ड्राइवर के रिकॉर्ड का ऑनलाइन पता किया जा सके।
उपद्रव, जनता के लिए खतरा पैदा करने, वाहन चोरी, यात्रियों पर हमला,
उनके सामान की चोरी करने वाले ड्रावइरों का डीएल रद करने का प्रावधान पहली बार किया गया है।