न्यूजीलैंड ने भारत को आखिरी टेस्ट मैच में 25 रनों से हराया, 3-0 से सीरीज की अपने नाम
मुंबई। न्यूजीलैंड ने मुंबई के वानखेड़े में खेले गए तीसरे और आखिरी टेस्ट में 25 रन से हरा दिया। इस जीत के साथ ही न्यूजीलैंड की टीम ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत का सूपड़ा साफ कर दिया। भारत अपने घर में दो या इससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में दूसरी बार क्लीन स्वीप हुआ है। इससे पहले फरवरी 2000 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को दो मैचों की सीरीज में 2-0 से हराया था। वहीं, भारत अपने घर में तीन या इससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में पहली बार क्लीन स्वीप हुआ है। न्यूजीलैंड की टीम ने इतिहास रच दिया। न सिर्फ उन्होंने पहली बार भारत में टेस्ट सीरीज जीती, बल्कि टीम इंडिया को क्लीन स्वीप भी किया।
न्यूजीलैंड ने भारत को 12 साल बाद अपने घर में टेस्ट सीरीज हारने पर मजबूर किया और साथ ही घर में लगातार 18 सीरीज जीतने का सिलसिला भी तोड़ा। खास बात तो यह रही कि न्यूजीलैंड की केन विलियम्सन के बिना यह टेस्ट सीरीज खेली है। साथ ही टॉम लाथम पहली बार टीम की कमान संभाल रहे थे। इन सबके बावजूद उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं, दूसरी तरफ यह भारतीय टीम का नए कोच गौतम गंभीर के अंदर बेहद खराब प्रदर्शन है। टीम उनके कोच बनने के बाद लगातार खराब प्रदर्शन कर रही है। बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद टीम इंडिया से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन टीम ने शर्मनाक प्रदर्शन किया।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी में 235 रन बनाए थे। जवाब में भारत की पहली पारी 263 रन पर समाप्त हुई थी। भारत को 28 रन की बढ़त मिली थी। इसके जवाब में न्यूजीलैंड की दूसरी पारी 174 रन पर खत्म हुई और उन्होंने 146 रन की कुल बढ़त हासिल की। भारत के सामने 147 रन का लक्ष्य था, लेकिन भारतीय टीम 121 रन पर सिमट गई। भारत की ओर से दूसरी पारी में ऋषभ पंत ने सबसे ज्यादा 64 रन बनाए, जबकि न्यूजीलैंड की ओर से एजाज पटेल ने छह विकेट लिए।
न्यूजीलैंड भारत को तीन या इससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करने वाली चौथी टीम है। इससे पहले इंग्लैंड ने भारत को चार बार, ऑस्ट्रेलिया ने तीन बार और वेस्टइंडीज ने एक बार क्लीन स्वीप किया है। न्यूजीलैंड ने 146 रन के लक्ष्य को सफलतापूर्वक बचाया। यह भारतीय सरजमीं पर डिफेंड किया गया दूसरा सबसे कम स्कोर है। इससे पहले सिर्फ एक बार किसी टीम ने 150 से कम के लक्ष्य को बचाया था। 2004 में भारत ने ही वानखेड़े में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 107 का बचाव किया था।