देहरादून। प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में नौतपा प्रारंभ होता है।
इस बार नौतपा 25 मई 2020 से प्रारंभ हो रहा है।
माना जाता है कि नौतपा में धरती पर गर्मी बढ़ जाती है।
नौतपा हमेशा हिन्दू माह ज्येष्ठ माह में ही आता है।
आओ जानते हैं कि नौतपा क्या है और क्यों इसमें गर्मी बढ़ जाती है।
सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले
होते हैं।
इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है।
यदि इन नौ दिनों में किसी भी प्रकार से बारिश न हो और न ही ठंठी हवा चले तो यह माना जाता है कि आने
वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी।
ऐसा क्यों होता है?
सूर्य 12 राशियों 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है।
ज्योतिष के अनुसार सूर्य कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ बैठता है तो उसके प्रभाव का अस्त कर देता है।
रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है।
ऐसा में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो वह चंद्र की शीतलता के प्रभाव पूर्णत: समाप्त करके
ताप बढ़ा देता है।
यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती।
इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है।
नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती जिसके चलते तापमान बढ़ता है।
इस अधिक तापमान के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है जो समुद्र की लहरों को
आकर्षित करता है।
इस कारण कई जगहों पर ठंडी, तूफान और बारिश जैसे आसार भी नजर आने लगते हैं।
बस इस दौरान हवाएं भले ही चलें लेकिन बारिश नहीं होना चाहिए तो फिर बारिश का सिस्टम अच्छे से बन
जाता है।
जैसे कहते हैं कि अच्छे से पका हुआ भोजन ही स्वाद देता है बस कुछ इसी तरह का मामला होता है।