देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा लायी गई जल नीति के बाद टीएचडीसी सुपर वाइज़र एसोसिऐशन के अध्यक्ष वीरेंद्र उनियाल ने कहा कि टीएचडीसी में कार्यरत सभी अधिकारी कर्मचारियों से निवेदन है की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा प्रेस को जो बयान दिया गया है उस पर तब तक विश्वास न करें जब तक भारत सरकार से कोई सूचना नहीं आ जाती है कि टीएचडीसी का विनिवेश या अन्य कंपनी में मर्जर नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा जो बयान दिया गया है हो सकता है वह सही भी हो, लेकिन विश्वास तभी होगा जब भारत सरकार द्वारा उचित निर्णय की जानकारी टीएचडीसी प्रबंधन को होगी।
उन्होंने बताया कि अवगत कराना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा जो प्रेस नोट जारी किया गया है वह उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के उस बयान पर आधारित है जिसके तहत किशोर उपाध्याय ने सरकार से जानना चाहा की उत्तराखंड की जल नीति में स्पष्ट है की किसी भी हाइड्रो प्रोजेक्ट के परिचालन के 25 वर्ष बाद उक्त संपत्ति पर राज्य का अधिकार स्वता ही हो जाएगा चाहे वह संपत्ति केंद्र सरकार के अधीन हो या निजी कंपनियों के आधीन।
वीरेंद्र उनियाल ने कहा कि अतः मैं किशोर उपाध्याय का भी टीएचडीसी महासंघ की तरफ से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं की आपके द्वारा टीएचडीसी के हित में कदम उठाए गए हैं।
वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आग्रह किया है कि टीएचडीसी को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।