देहरादून। उत्तराखंड के तेरह ज़िलों में से हरिद्वार को छोड़ कर बारह जिलों में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सात जिलों ने खास मिसाल पेश करते हुए ग्राम प्रधान के 1515 पदों के लिए हुए निर्विरोध निर्वाचन में इन जिलों के 1251 प्रधान शामिल हैं। वहीं प्रदेश के टिहरी और अल्मोड़ा जनपदों में सबसे अधिक प्रधान निर्विरोध चुने गए। टिहरी में 293 तथा अल्मोड़ा में 266 प्रधान निर्विरोध चुने गए है।
जबकि क्षेत्र पंचायत सदस्य के 299 और जिला पंचायत सदस्य के नौ पदों पर भी प्रतिनिधि निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। ग्राम पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के कुल 30797 पद अभी भी खाली रह गए हैं। इनमें ग्राम पंचायत सदस्यों के सर्वाधिक 30663 पद शामिल हैं।
निर्विरोध चुने गए ग्राम प्रधानों की तस्वीर देखें तो इसमें पर्वतीय जिलों ने बाजी मारी है। राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक टिहरी में 293, अल्मोड़ा में 266, पौड़ी में 195, उत्तरकाशी में 162, देहरादून में 117, पिथौरागढ़ में 111, चमोली में 107, बागेश्वर में 72, रुद्रप्रयाग में 66, नैनीताल में 62, चंपावत में 49 और उधमसिंहनगर में 15 ग्राम प्रधान निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। वहीं, देहरादून को छोड़ शेष 11 जिलों में ग्राम प्रधानों के 124 पदों के लिए कोई
क्षेत्र पंचायत सदस्यों के 299 पदों पर भी निर्वाचन निर्विरोध हुआ है। इनमें अल्मोड़ा के 42, उधमसिंहनगर के सात, चंपावत के 16, नैनीताल के 20, पिथौरागढ़ के 37, बागेश्वर के 14, उत्तरकाशी के 33, चमोली के 20, टिहरी के 30, देहरादून के 27, पौड़ी के 41 व रुद्रप्रयाग के 12 सदस्य शामिल हैं। जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए अल्मोड़ा व टिहरी में तीन-तीन, नैनीताल, पिथौरागढ़ व पौड़ी में एक-एक निर्विरोध चुने गए।
ग्राम पंचायत सदस्यों के कुल 55572 पदों में से 21085 पदों पर सदस्य निर्विरोध चुने गए। हालांकि, ग्राम पंचायत सदस्य पदों के चुनाव को लेकर बेरुखी भी नजर आई। 30663 पदों के लिए कोई नामांकन न होने के कारण ये खाली रह गए हैं। शेष 3690 पदों के लिए भी कुल 5729 उम्मीदवार ही मैदान में थे। उधर, ग्राम प्रधान के 124 और क्षेत्र पंचायत सदस्य के 10 पद नामांकन न होने के कारण खाली रह गए हैं।
पंचायत चुनावों में मसूरी विधानसभा क्षेत्र के अर्न्तगत आनी वाली दोनों जिला पंचातय क्षेत्रों में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के विजयी होने पर मसूरी विधायक गणेश जोशी ने खुशी जाहिर की है।
वहीं मसूरी विधानसभा क्षेत्र के चन्द्रोटी जिला पंचायत क्षेत्र से भाजपा समर्थित प्रत्याशी श्याम सिंह पुण्डीर ने अपने विरोधी को 2591 मतों से एवं अस्थल जिला पंचायत क्षेत्र से भाजपा समर्थित प्रत्याशी वीर सिंह चौहान ने अपने विरोधी प्रत्याशी को 197 मतों से हराकर जीत दर्ज की। इन दोनों क्षेत्रों में से चन्द्रोटी में कांग्रेस और अस्थल में निर्दनीय प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशियों से हार का सामना करना पड़ा।
विधायक गणेश जोशी ने अपने बयान में कहा कि जनता से क्षेत्र के विकास को देखा और भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास किया, जिसका नतीजा है कि मसूरी विस क्षेत्र दोनों जिला पंचायत क्षेत्रों में जनता ने पार्टी समर्थित प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया। उन्होनें कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आम जनता के लिए लागू की गयी जनकल्याणकारी योजनाओं एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के भष्ट्राचार पर कड़ें प्रहार की जीत है। विधायक जोशी ने दोनों क्षेत्रों से विजयी प्रत्याशियों को मिष्ठान खिलाकर बधाई दी। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।