कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन नौकरशाही के लिये वरदान बन कर आया है |
जहां एक ओर प्रशासन जनता पर जान बचाने की धौंस जमाते हुए मौलिक अधिकारों पर चोट पंहुचा रहा है |
वहीं दूसरी ओर पंचायती राज और स्थानीय स्वशासन के भी पर कतरे जा रहे हैं |
इसकी एक बानगी चमोली जिले में भी देखने को मिली |
उत्तराखण्ड प्रशासन की लापरवाही के विरोध में सांकेतिक धरना
लॉक डाउन के बीच सीमांत जिले चमोली के सरहदी विकास खंड जोशीमठ में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का विरोध किया गया |
जोशीमठ विकासखंड के ग्राम प्रधानों, ग्राम सरपंच और क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने जोशीमठ प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है |
जिसका प्रारंभ उन्होंने सांकेतिक धरने के रूप में किया |
इन्होंने अपने अपने घरों के बाहर धरने पर बैठ कर विरोध दर्ज करवाया |
जन प्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि प्रशासन जनप्रतिनिधियों की आवाज को नहीं सुन रहा है
कई मुद्दों पर प्रशासन चुने गए जनप्रतिनिधियों की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है
जिसके खिलाफ सभी ग्राम प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्यों और सरपंचों ने अपने-अपने घरों के आगे धरना देकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
प्रमुख मांगें
स्थानीय प्रशासन सहयोग करे
प्रदेश सरकार पंचायतों को सशक्त करे
पंचायतों को कोरोना से बचाव के लिये समुचित संसाधन दिये जाएं
स्थानीय प्रशासन तानाशाही बंद करे
कोरोना से लड़ने में सरकार नहीं कर रही ग्राम पंचायतों की मदद
जोशीमठ प्रधान संघ के अध्यक्ष अनूप सिंह नेगी ने हमारे संवाददाता को बताया कि कई बार प्रशासन के सम्मुख कई समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधि पहुंचे लेकिन प्रशासन ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया
उन्होंने यह भी कहा कि वो राज्य सरकार से कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से लड़ने के लिए ग्राम पंचायतों ,ग्राम संगठनों को सहायता देने के लिए इस तरह का धरना दे रहे हैं
उन्होंने बताया कि अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के द्वारा कोरोनावायरस जैसी महामारी को रोकने के लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में भय भी बना हुआ है
न ही दिये अधिकार
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ग्राम पंचायतों को कुछ अधिकार देती है तो वे अपने स्तर पर कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए व्यवस्था कर सकते हैं
उनका कहना था कि अगर सरकार और प्रशासन तानाशाही रुख अपनाते हुए जनप्रतिनिधियों का इसी तरीके से अपमान करती रहेगी तो आगे और उग्र विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।