Kaliyar : पीरान कलियर कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
उर्स 2019 20 के दौरान कुछ कर्मचारियों द्वारा बिना उच्च अधिकारियों के आदेश के ही एक रजिस्टर बना कर अस्थाई दुकानों से किराया वसूल कर दरगाह की आय को लाखों रुपए की चपत लगाई गई थी।
जिसकी जांच के लिए समिति का गठन किया गया है।
अभी यह मामला निपटा नहीं था कि एक नया मामला दरगाह क्षेत्र में सुनने में आ रहा है।
देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु दरगाह में लाखों रुपए दान करते हैं। जिसकी बाकायदा रसीद दी जाती है।
देश में लॉकडाउन लगने से पहले हरियाणा पंजाब के श्रद्धालुओं ने भी दरगाह कर्मी से संपर्क किया
और मस्जिद साबरी में पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दान देने की बात की।
उस कर्मचारी ने पार्टी को संबंधित सुपरवाइजर से मिलवा दिया।
मस्जिद के अंदर पानी जाने और प्लंबरिंग के कार्य के लिए बात हो गयी।
इस पूरी घटना की अधिकारियों को भनक भी नहीं लगने दी गई।
जबकि दरगाह मैनेजर को इसकी सूचना देना आवश्यक होता है।
अगर कोई बाहरी आदमी दरगाह या मस्जिद के अंदर निर्माण कार्य कराना चाहता हो, तो दरगाह मैनेजर की स्वीकृति जरूरी हो जाती है।
लॉकडाउन के बाद जब श्रद्धालु कलियर पहुंचे तो उन्होंने देखा, कि उक्त कार्य किया ही नहीं गया है
जबकि श्रद्धालुओं से 4 माह पूर्व 55000 रूपए ले लिया जाना बताया जा रहा है।
इतना ही पैसा टंकी और पाइप की फिटिंग के लिए बाद में देना भी तय बताया गया है।
इस घटना की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है।
दरगाह प्रबंधक का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी क्योंकि उनके पास सुपरवाइजर या कर्मचारी द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई है।
देखना है कि दरगाह कार्यालय व उसके अधिकारी मामले की जांच कर दोषी को दंड दे पाते हैं या नहीं…….