काशीपुर उधम सिंह नगर। काशीपुर में मुस्लिम समुदाय में कब्रिस्तान को लेकर आपस में विरोध देखने को मिल रहा है।
काशीपुर के कुछ कांग्रेसी नेताओं द्वारा कब्रिस्तान की जगह पर स्कूल और दुकाने बनाने की तैयारी है जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में काफी आक्रोश है।
मुस्लिम समुदाय में कब्रिस्तान को अपना असली घर माना जाता है।
और कब्रिस्तान की सौंदर्यीकरण देखरेख के लिए एक टीम भी बनाई जाती है जिसमें पदाधिकारी भी सुनिश्चित किए जाते हैं।
लेकिन आजकल पदाधिकारी अपने पदों का गलत इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
मुस्लिम समुदाय के खिलाफ जाकर पदाधिकारी कब्रिस्तान की जगह पर दुकानें और स्कूल बनाने का सपना देख चुके हैं और उसको बनाने के लिए प्रयास भी कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम समाज में इसका घोर विरोध देखने को मिल रहा है।
वहीं कुछ दबंगों द्वारा कब्रिस्तान की जगह पर स्कूल के शिलान्यास का बोर्ड लगाने पर लोगों में आक्रोश और बढ़ गया है
और विरोध करने वालों को कब्रिस्तान कमेटी के सदर नूर हसन द्वारा विरोध करने वालों को जान से मारने की धमकी की भी ऑडियो वायरल हुई है।
वायरल ऑडियो में नूर हसन द्वारा पीड़ित से पूछा जा रहा है कि तेरे खानदान में कितने लोग हैं। 80 पर्सेंट कब्रिस्तान खाली पड़ा है।
कब्रिस्तान के विवाद को लेकर अब कांग्रेस पार्टी में भी विवाद देखने को मिलने लगा है।
कुछ कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी कब्रिस्तान की जगह पर दुकान और स्कूल बनाने के पक्ष में हैं तो कुछ स्कूल और दुकानों के लिए विरोध में दिखाई दे रहे हैं।
काशीपुर के कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी ने मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे उत्तराखंड में काशीपुर के मुस्लिम समुदाय में शिक्षा का बहुत कम रेश्यो है, और मुस्लिम शिक्षा पाने के लिए यहां कोई भी व्यवस्था नहीं है।
फिर शिक्षा के लिए बड़े-बड़े स्कूल है जहां फीस मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए देनी भारी है।
कांग्रेस के नेताओं में अलग-अलग विचारधारा देखने को मिल रही है तो वहीं इन विचारधाराओं धाराओं के चक्कर में आपसी फूट भी कांग्रेस में बढ़ती जा रही है।
काशीपुर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने काशीपुर के कब्रिस्तान की जगह पर स्कूल बनाने को कहा सरासर गलत है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जिम्मेदार आला अधिकारियों इस मामले में जानकारी ली जाएगी।
सोशल मीडिया पर धमकी भरी ऑडियो वायरल हो रही है। ऑडियो क्लिपिंग को पुलिस नॉर्मल गाली गलौज के रूप में लेती हुई दिखाई दे रही है
और साथ ही काशीपुर सीओ का कहना है कि दोनों पक्षों को बुला कर आपस में समझा दिया गया है और दोनों पक्षों में आपकी समझौता करके लिखित रूप में दे दिया है।
गौरतलब है कि काशीपुर में बड़ी संख्या में मदरसे सरकारी स्कूल और निजी विद्यालय उपस्थित हैं।
फिलहाल काशीपुर में बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए किसी भी नए विद्यालय की आवश्यकता नहीं है। कब्रिस्तान की जगह पर स्कूल और दुकानें बनाने के पीछे क्या मंशा है यह तो वक्त आने तभी पता चलेगा।