कल 5 अगस्त 2020 को ऐतिहासिक दिन है ।
कल राम जन्मभूमि पर मंदिर के लिए भूमि पूजन किया जाएगा ।
लंबे समय से चली कानूनी लड़ाई अंततः रामलला के पक्ष में गई और मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ ।
भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 175 गणमान्य अतिथि आमंत्रित हैं ।
जिनमें 135 संत हैं जो 135 आध्यात्मिक विचार धाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
वहीं पूरे देश के धार्मिक स्थलों से रामलला जन्मभूमि मंदिर के लिए मिट्टी, जल और अन्य शुभ वस्तुएं भेजी गई हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सर्वप्रथम हनुमानगढ़ी में हनुमान जी का दर्शन पूजन करेंगे । जिसके पश्चात वह श्री राम लला विराजमान मंदिर में भगवान का पूजन करेंगे । इसके बाद वह भूमि पूजन में हिस्सा लेंगे । तत्पश्चात मंचीय कार्यक्रम आयोजित होगा ।
भूमिपूजन में यजमान
भूमि पूजन में अशोक सिंघल के परिवार से महेश भागचंदका और पवन सिंघल प्रमुख यजमान होंगे ।
मंच पर उपस्थिति
मंचीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, नृत्य गोपाल दास महाराज, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ मंच पर उपस्थित रहेंगे ।
राम जन्म भूमि के भूमि पूजन को लेकर कई विवाद चल रहे थे, जिन पर अब पटाक्षेप हो गया है ।
पहला विवाद – यह विवाद तिथि को लेकर था ।
ऐसा कहा गया कि यह देवताओं के सोने का समय है और भाद्रपद में शुभ कार्यों का प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए ।इस विवाद पर जूना पीठाधीश्वर ने कहा कि राम के कार्य में किसी तिथि मुहूर्त को देखा जाना आवश्यक नहीं है । यह कार्य लाखों लोगों के श्रम और धैर्य का प्रतिफल है । अतः इसे निर्बाध रूप से पूर्ण किया जाना चाहिए ।
दूसरा विवाद – यह विवाद राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े प्रमुख लोगों जैसे लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा शंकराचार्य इत्यादि को आमंत्रित न किए जाने पर था ।
श्री राम जन्म भूमि न्यास के चंपत राय ने इस विषय में बताते हुए कहा कि इन सभी गणमान्य लोगों से व्यक्तिगत रूप से फोन पर बात की गई है
कोरोना महामारी को देखते हुए इन सभी लोगों ने आने में असहमति व्यक्त की है ।
कुछ लोग आयु के कारण, कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण और अधिकांश संत चातुर्मास कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण आने में असमर्थ हैं ।
तीसरा विवाद – सोशल मीडिया में यह खबर आम थी की भूमि पूजन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक टाइम कैप्सूल को भी जमीन में दबाएंगे ।
इस पर न्यास का कहना है कि किसी भी प्रकार का कोई टाइम कैप्सूल नहीं दबाया जा रहा है । ऐसी भ्रामक खबरों से बचना चाहिए ।
चौथा विवाद – यह विवाद कार्यक्रम में आमंत्रित मुस्लिम अतिथियों को लेकर है । कुछ मुस्लिम अतिथि कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए हैं जिसे लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के कुछ लोग नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं ।
इस पर यह कहा गया है कि बहुत से मुस्लिम भगवान राम को अपना आराध्य मानते हैं
और धर्म परिवर्तित कर लेने के बावजूद उनका यह कहना है कि राम हमारे पूर्वज हैं और हमारे लिए वह इमाम ए हिंद का दर्जा रखते हैं ।
साथ ही ऐसी कवायद सामाजिक समरसता को मजबूत करने की दिशा में भी कदम है ।