देहरादून। दिल्ली पब्लिक स्कूल देहरादून में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें शहर के ओलंपस, पुरुकुल, जीआरडी स्कूल, पैटिरशियन वुमन काॅलेज, दून स्कूल, सेन्ट जोसेफ स्कूल, एसजीआरआर, होप वे, माउंट लिट्रा जी॰ स्कूल देहरादून के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अनेक प्रस्तुतियाँ दीं जिनका उद्देश्य लोगों को यह बताना था कि मानसिक अवसाद केवल एक रोग है जिसका इलाज पूर्ण रुप से संभव है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को मानसिक रोगों और उनके उपचार के प्रति जागरुक करने के साथ-साथ यह बताना भी था कि आत्म-हत्या करना किसी भी समस्या का समाधान कभी भी नहीं हो सकता। इस कार्यक्रम में अतिथियों के रुप में न्यायाधीश यूसी ध्यानी, अभिषेक रुहेला, श्वेता
चौबे, एडवोकेट विवेक त्रिपाठी व मनमोहन कन्डवाल, कालंबर सिंह और दीक्षा ध्यानी ने अपने विचारों से भी सभी के ज्ञान में वृद्धि की। सभी इस बात पर सहमत दिखे कि आत्म-हत्या करना किसी भी समस्या का समाधान कभी भी नहीं हो सकता। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य बीके सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानसिक अवसाद से लोगों को बचने और बचाने के लिए ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की मनोविज्ञान शिक्षिका याशना बहरी सिंह ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त करते हुए सभी लोगों को सहयोग देने लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में विद्यालय की उप प्रधानाचार्या सुजाता सिंह भी उपस्थित रहीं।