कल 21 जून को वलयाकार सूर्यग्रहण होगा | यह साल का पहला सूर्यग्रहण है |
और भारत समेत विश्व में व्यापक विस्तार से दिखेगा |
वलयाकार सूर्यग्रहण को डायमंड रिंग भी कहते हैं |
चंद्रमा की छाया सूर्य को इस तरह ढकती है कि पूर्णता पर पंहुचने पर प्रकाश का एक छल्ला मात्र दिखाई देता है |
भारत में सूर्यग्रहण
उत्तर भारत में यह ग्रहण एक संकरे क्षेत्रीय गलियारे में दिखाई देगा |
राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम आदि इस पेटी में प्रमुख राज्य हैं |
शेष भारत में यह आंशिक सूर्यग्रहण की तरह दिखाई देगा |
उत्तराखंड में सूर्यग्रहण
देहरादून, चमोली, टिहरी, जोशीमठ इत्यादि स्थलों पर ग्रहण पूरी तरह दिखाई देगा |
भारत में ग्रहण 68.6% रहेगा
जबकि दिल्ली में 94%
पटना 78%
सिलचर 75%
कोलकाता 66%
मुंबई 62%
बंगलुरू 37%
चेन्नई 34%
और पोर्ट ब्लेयर में 28% रहेगा |
अर्थात ग्रहण का प्रभाव उत्तर से दक्षिण की ओर घटता जाएगा |
विश्व में सूर्यग्रहण
कांगो, सूडान, इथोपिया, इरिट्रिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान, भारत और चीन के उत्तरी भागों में सूर्यग्रहण पूरी तरह दिखाई देगा |
जबकि शेष अफ्रीका ( पश्चिम और दक्षिण छोड़ कर ), दक्षिण और पूर्वी यूरोप, एशिया ( उत्तर और पूर्वी रूस के अलावा ) तथा आस्ट्रेलिया के उत्तरी हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा |
सूर्यग्रहण का समय
भारत के मानक समयानुसार
ग्रहण का प्रारंभ आंंशिक प्रावस्था से सुबह 9:16 पर प्रारंभ होगा |
जबकि वलयाकार अवस्था सुबह 10:19 पर प्रारंभ होगी |
वलयाकार ग्रहण दोपहर 02:02 मिनट पर समाप्त होगा |
जबकि आंशिक अवस्था दोपहर 03:04 मिनट पर समाप्त होगी |
धार्मिक मान्यताएं
सूतक 20 जून 2020 को रात 9:52 से लग जाएगा,
और ग्रहण के साथ ही समाप्त होगा |
सूतक काल को अशुभ माना जाता है |
यह न करें
– कोई शुभ या नया काम प्रारंभ न करें
– मंदिर दर्शन न करें
– गर्भवती महिलाओं को घर से निकलना वर्जित माना जाता है
– भोजन न करें
– जल गंगाजल डाल कर पियें
– सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से न देखें
यह करें
– भोजन में तुलसी दल डाल दें
– शिव की उपासना करें
– ग्रहण के बाद स्नान कर के भोजन करें
यद्यपि वैज्ञानिक दृष्टिकोण किसी भी हानि को इंगित नहीं करता है
और ऐसी खगोलीय घटनाओं को अध्ययन का साधन मात्र समझता है |
इसके अनुरूप भी कम से कम सूर्य ग्रहण देखने हेतु एक्सरे शीट का प्रयोग करें