बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसा भड़कने के बाद लगा सख्त कर्फ्यू, लोगों का भारत लौटने का सिलसिला जारी
हिंसा में अब तक 115 लोगों की मौत
भारतीय उच्चायोग ने आपातकालीन नंबर किए जारी
ढाका। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण विरोधी हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने पूरे देश में सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया। इस दौरान सैन्य बलों ने राजधानी ढाका के सभी हिस्सों में गश्त की। सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध के बावजूद यह कर्फ्यू संभवतः अब तक का सबसे घातक दिन रहा। पिछले दिनों हिंसा में घायल हुए कुछ लोगों की शनिवार को मौत हो गई। अब मृतक संख्या 115 हो गई है। बांग्लादेश में हिंसा भड़कने से सैकड़ों लोग अब भी घायल हैं। शनिवार को कुछ टीवी चैनलों में भी कामकाज बंद रहा तथा अधिकांश समाचार पत्रों की वेबसाइट बंद रही। ढाका में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि हालात ‘बेहद अस्थिर’ हैं। देश में लागू कर्फ्यू में शनिवार दोपहर कुछ ढील दी गई, लेकिन फिर इसे रविवार सुबह 10 बजे तक लागू कर दिया।
ढाका में भारतीय उच्चायोग ने आपातकालीन नंबर जारी किए
- भारतीय उच्चायोग, ढाका- 880-1937400591
- भारतीय सहायक उच्चायोग, चटगांव- 880-1814654797/880-1814654799
- भारतीय सहायक उच्चायोग, राजशाही- 880-1788148696
- भारतीय सहायक उच्चायोग, सिलहट- 880-1313076411/880-1313076417
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय (एमईए) बांग्लादेश में रह रहे भारतीय नागरिकों को पूरी तरह सुरक्षा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। सोशल मीडिया पोस्ट में जयशंकर ने लिखा, बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों के परिवारों और शुभचिंतकों को सुरक्षा और मदद देना हमारी प्राथमिकता है। जयशंकर ने आगे कहा, विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारतीय नागरिकों की घर वापसी में सहायता कर रहा है। सुरक्षित यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय नागरिक उड्डयन, आव्रजन, भूमि बंदरगाहों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अधिकारियों के साथ भी समन्वय कर रहा है।
बांग्लादेश में चल रहे आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों की वजह से वहां हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार ने कर्फ्यू लगाने के साथ ही देश में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। ऐसे हालात नागरिकों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं और वे भारत का रुख कर रहे हैं। भारत पहुंचे एक बांग्लादेशी मेहंदी हसन खान का कहना था कि वहां हालात बेहद संजीदा हैं। मैं मां के इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर भारत आया हूं। बीएसएफ के डीआईजी राजीव अग्निहोत्री ने कहा, बांग्लादेश में तनाव के बीच लोगों का भारत लौटने का सिलसिला जारी है। जो भारतीय और विदेशी छात्र बांग्लादेश में पढ़ रहे थे, वे अलग-अलग आईसीपी (एकीकृत चेक पोस्ट) के माध्यम से वापस आ रहे हैं। अब तक लगभग 150 छात्रों की विभिन्न आईसीपी के माध्यम से वापसी हुई है। बीएसएफ इसके लिए सभी आवश्यक इंतजाम कर रही है।