सामाजिक कार्यकर्ता और आर्य समाज की प्रतिष्ठित हस्ती स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया है।
उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में शुक्रवार शाम को अंतिम सांस ली।
स्वामी अग्निवेश को सोमवार को नई दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (ILBS) में भर्ती कराया गया था।
ILBS ने स्वामी अग्निवेश के निधन की पुष्टि करते हुए कहा,
स्वामी अग्निवेश को शुक्रवार शाम 6 बजे कार्डियक अरेस्ट हुआ। उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। उन्होंने शाम 6.30 बजे अंतिम सांस ली।
लिवर सिरोसिस से पीड़ित अग्निवेश को कई प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया
तो मंगलवार से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों की एक टीम उनकी हालत पर पैनी नजर रख रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
स्वामी अग्निवेश के फेसबुक पेज पर दी गई जानकारी में बताया कि आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता स्वामी अग्निवेश का आज निधन हो गया।
वह 81 वर्ष के थे।
उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनार्थ 7 जंतर-मंतर रोड, नई दिल्ली के कार्यालय पर शनिवार सुबह 11 से 2 बजे तक रखा जाएगा।
उनका अंतिम संस्कार वैदिक रीति से अग्निलोक आश्रम, बहलपा जिला गुरुग्राम में 4 बजे किया जाएगा।
21 सितंबर, 1939 को जन्मे स्वामी अग्निवेश सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते थे।
1970 में आर्य सभा नाम की राजनीतिक पार्टी बनाई थी।
1977 में वह हरियाणा विधानसभा में विधायक चुने गए और हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे।
1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम के संगठन की स्थापना की।
स्वामी अग्निवेश ने 2011 में अन्ना हजारे की अगुवाई वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी हिस्सा लिया था।
हालांकि, बाद में मतभेदों के चलते वह इस आंदोलन से दूर हो गए थे।