Trin, trin, trin , trin….
Trin, trin, trin, trin…
हेलो….
हेलो$$….
कख बटि बोलणां आप…?
भैजी,
I am from चौबट्टाखाल।।
द्वी-चार दिन पैली,
Family दगड़ी,
आयुं छौ,
सतपाल।
बांटुणों,
बल,
चौंल, दाल।।
And,
यनि फुटि,
हमारू कपाल।
हम भी छा,
In that चौपाल।।
भैजी,ख़बर छ,
कि positive छ,
Family दगड़ी,
सतपाल।
हमारू क्या होलु,
भैजी,
पूरा गौं तें,
देगि वू,
Corona काल।।
स्वयं त सपरिवार,
AC मा,
बैठयुं सतपाल।
हमारू त,
test भी नि ह्व़ै,
भैजी,
पूरू गौं, डरयुं-मरयुं,
भय मा छ बेहाल।।
भैजी, गौं मा,
छ खुसफुसाहट,
कि अबरि जु,
धमकि सतपाल।
वेका मुंड मां,
फेंकि कि,
पुष्पगुच्छ, दाल,
सब बोलला,
बल,
Go सतपाल, go सतपाल।।
खबरदार जु फिर तु,
यख ऐ रे सतपाल,
कबरि सुपिढ्यों,
मा भी न सोचि,
चौबट्टाखाल।
Otherwise,
त्वै तैं,
चौबट्टा कर देलु,
चौबट्टाखाल।।
तु कखि बि जा,
यख न ऐ,
बल,
Go सतपाल, go सतपाल?
कार्टून साभार : विनय वासु
(व्यंग्य में सतपाल जी महाराज के नाम को सतपाल कहकर पुकारा गया है जो पूर्ण रूप से व्यंग्य की मांग थी,)
महितोष मैठाणी