उत्तराखंड कांग्रेस में दरारें साफ देखने को मिल रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपने विरोधियों पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि जो लोग मेरी चुनावी हारों को गिना रहे हैं, वह आरएसएस की क्लास में शिक्षा लेकर आए हैं।
वह राजनीतिक रूप से बच्चे हैं।
उन्होंने अब तक स्वयं ना कोई चुनाव लड़ा है और यहां तक कि उनके वार्ड तक से कांग्रेस आज तक नहीं जीती है।
उन्होंने यह भी कहा कि ना जाने कितनी हार और कितनी जीत मेरे राजनीतिक जीवन में हुई है
परंतु ना कभी निष्ठा बदली और ना कभी युद्ध का मैदान छोड़ा है।
उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि त्रिवेंद्र सरकार के एक काबिल मंत्री को अपना साथी बनाना चाहता था पर उनके राजनीतिक आका के दुराग्रह के कारण ऐसा नहीं कर सका, लेकिन उनकी सलाह अच्छी लग रही है।
अपने संन्यास के बारे में भी उन्होंने कहा कि 2024 में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पाएगा, तब तक वह राजनीति में डटे रहेंगे।
परंतु इस सब से यह स्पष्ट दिखता है कि उत्तराखंड कांग्रेस में गहरी दरारें और गुटबाजी है।
जिसका की आने वाले विधानसभा चुनावों में नुकसान हो सकता है।
हरीश रावत ने भी इस की ओर इशारा करके कहा कि अंकगणितीय खेल में उलझने से अच्छा है कि आगे की ओर देखा जाए तो समाधान निकलेगा।
देखते हैं के अब कांग्रेस में ऊंट किस करवट बैठता है।