उत्तराखंड के प्रिय मेहमानों की नौका अब मंझधार में जा फंसी है | जिन गुप्ता बंधुओं के लिये त्रिवेंद्र सरकार ने पलक पांवड़े बिछा कर उनके व्यक्तिगत पारिवारिक विवाह समारोह हेतु औली की दुर्गति कर दी, स्वयं विवाह समारोह में शिरकत की और पूरा पर्यटन स्थल प्रदूषित होने दिया | विवाह समारोह पूरा होने पर 4000 किलोग्राम कचरा वहां बिखरा था |
औली को बुग्याल न मानने तक के हुक्म का माहौल बना दिया, वो गुप्ता बंधु अंतर्राष्ट्रीय क्रिमिनल साबित हो चुके हैं |
दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं के अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) की धनराशि को जब्त करने के प्रयास नए सिरे से शुरू कर दिए हैं।
बताया जाता है कि गुप्ता बंधुओं ने यह पैसा कथित तौर पर सरकारी विभागों की मिलीभगत से गैरकानूनी सौदों से कमाया और फिर देश से गैर कानूनी ढंग से बाहर भेजा था।
संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसेट फोरफीटर यूनिट (एएफयू) ने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता प्राप्त करने का जिक्र किया है। इससे पहले अमेरिकी वित्त विभाग ने गुप्ता बंधुओं अजय, अतुल और राजेश तथा उनके सहयोगी सलीम एस्सा पर पिछले हफ्ते पाबंदियां लगाई थी।
अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा कि गुप्ता परिवार एक भ्रष्ट नेटवर्क के सदस्य हैं और उन्होंने सरकारी ठेकों, रिश्वत तथा अन्य भ्रष्ट गतिविधियों के जरिए अधिक भुगतान लिया तथा उसका इस्तेमाल राजनीतिक भुगतानों के लिए तथा सरकारी गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए किया गया।
अब सोचने की बात यह है कि अगर गुप्ता परिवार भ्रष्ट नेटवर्क का हिस्सा हैं, तो उत्तराखंड में उनके करीबी नेताओं को क्या माना जाए |
गुप्ता परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है। दक्षिण अफ्रीका में बीते दो दशक में उसने आईटी, मीडिया और खनन उद्योगों के जरिये काफी पैसा कमाया। आरोप है कि कमाई के लिए गुप्ता परिवार ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से नजदीकी का कथित तौर पर फायदा उठाया।
जुमा खुद भी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
गुप्ता भाई दुबई भाग चुके हैं और अब कर्जदाताओं को भुगतान के लिए दक्षिण अफ्रीका में उनकी संपत्तियों की नीलामी की जा सकती है।
लेकिन एएफयू की नजर उस पैसे पर है जो गुप्ता बंधुओं ने अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई भेजा।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि एएफयू गैरकानूनी ढंग से अमेरिका भेजे गए पैसे को वापस पाने की दिशा में काम कर रहा है और इसमें अमेरिकी अधिकारी सहयोग कर रहे हैं।
एएफयू ब्रिटेन की कानून प्रवर्तक एजेंसियों की मदद भी ले रहा है।
इस प्रकार जाने अनजाने उत्तराखंड सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय अपराधी समूह की मुक्त हृदय से मेहमान नवाजी की है, और विवाह में शामिल गणमान्य व्यक्तियों की भी गणमान्यता विवादास्पद हो सकती है |