देहरादून । उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के
ऋषिकेश स्थित निजी आवास पर भेंट वार्ता की।
इस दौरान दोनों ही नेताओं के बीच प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर राहत बचाव कार्यों एवं अन्य
विषयों पर विस्तृत में चर्चा वार्ता हुई।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष व कालाढुंगी से विधायक बंशीधर भगत ने 1 वर्ष तक के लिए अपने वेतन का
30% प्रतिमाह मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान करने के लिए विधानसभा सचिवालय को अपनी सहमति
जताते हुए अपना सहमति पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा।
गौरतलब है कि मंत्रिमंडल द्वारा “उत्तराखंड राज्य (विधानसभा सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन)
अधिनियम 2008 “ की धारा 24 में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार प्रत्येक विधानसभा सदस्य को 1 वर्ष
तक के लिए अपने वेतन का 30% मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया गया था।
इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी विधायकों को अपनी
सहमति देने के लिए कहा गया था।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत कराया कि उनके द्वारा भी सभी विधायकों
को अपने वेतन का 30% राशि राहत कोष में त्याग किए जाने के लिए अपनी सहमति विधानसभा
सचिवालय को दिये जाने के लिए अपील की गयी है।
इस अवसर पर दोनों ही नेताओं के बीच राज्य में कोरोना संक्रमण से उपजे हालात एवं राहत बचाव कार्यों
के संबंध में चर्चा की गई।
साथ ही प्रवासियों के उत्तराखंड वापस आने एवं उनको रोजगार एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के संबंध
में भी बातचीत हुई जिससे कि प्रवासियों का भविष्य में पलायन रोका जा सके।
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज पर वित्त
मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिए गए तीसरी किश्त के ब्रेकअप के बाद उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष
प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि आर्थिक पैकेज में देश के गरीब, किसान, मध्यमवर्ग, व्यापारी वर्ग और
उद्योग जगत से जुड़े हुए सभी लोगों के हित समाहित हैं,
इससे हर वर्ग सशक्त होगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि विशेष आर्थिक
पैकेज में एमएसएमई सेक्टर के लिए किए गए राहत उपाय वास्तव में आत्मनिर्भर भारत को बनाने का
रोडमैप हैं।
कुटीर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए की गई व्यवस्थाओं से राज्य की घरेलू अर्थव्यवस्था में नई जान
आएगी।
यह पैकेज एमएसएमई की मदद करेगा, उन्हें बढ़ावा देगा और इससे रोजगार अवसर बढ़ेंगे, स्वदेशी को
भी प्रोत्साहन मिलेगा।
अग्रवाल ने कहा है कि कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है और इसके साथ
कारोबारियों और आम लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बड़े और साहसिक कदम निश्चित रूप से
आवश्यक थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि टीडीएस की दरें घटाना, प्रोविडेंट फंड में पैसे की कटौती, सरकार द्वारा
रिफंड में पैसे देना,ईपीएफ योगदान, ये सारी घोषणाएं निश्चित रूप से पैसे की तरलता बाजार में लाएंगी।
अग्रवाल ने कहा कि प्रवासियों मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त राशन, 23 राज्यों के 67 करोड़ लाभार्थियों
के लिए एक देश एक राशन कार्ड सिस्टम की व्यवस्था, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रवासियों को
सस्ती कीमतों पर किराये के घर मुहैया कराए जाना ग़रीब एवं प्रवासियों की आर्थिक स्थिति को मज़बूत
करेगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि भारतीय किसानों की स्थिति मजबूत करने के लिए
किसान क्रेडिट कार्ड, भंडारण, हर्बल खेती में दी गई राशि भारत की कृषि उत्पादन शक्ति को बढ़ाएगी।
अग्रवाल ने कहा कि आर्थिक पैकेज के माध्यम से पशुपालक, मछुआरे, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालक,
डेरी इंफ्रास्ट्रक्चर सभी के हितों को ध्यान में रखा गया है।
स्थानीय उत्पादकों की ब्रांडिंग को विश्वस्तरीय बनाया जाने एवं कृषि का आधारभूत ढांचे एवं सप्लाई चैन को
मजबूत करने से कृषकों की आय भी बढ़ेगी।