देहरादून। उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की छोटी सी लापरवाही से उनका परिवार
तो कोरोना की चपेट में है ही, वहीं कई कैबिनेट मंत्री भी संकट में है। महाराज की इस लापरवाही पर
विपक्ष, कई राजनैतिक दल, सामाजिक संगठन से लेकर सोशल मिडिया उन पर गैरइरादतन हत्या का
मुकदमा दर्ज करने के साथ ही कई सवाल खड़े कर रहा है कि सतपाल महाराज जैसे दिग्गज मंत्री ने
आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल क्यों नहीं किया और अगर उनके फोन पर आरोग्य सेतु एप था तो उन्होंने
उसे एक्टिवेट क्यों नहीं कर रखा था। यह भी कहा जा रहा है कि अगर सतपाल महाराज आरोग्य सेतु एप
का इस्तेमाल कर रहे थे तो उन्हें इस एप ने सचेत क्यों नहीं किया। सवाल केवल आरोग्य सेतु एप का भी
नहीं है। सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत जब दिल्ली से लौटी थी तो उन्होंने शोसियल डिस्टेंसिंग का
पालन क्यों नहीं किया व सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन को दरकिनार क्यों किया ? उनकी लापरवाही से
प्रदेश की सरकार क्वारन्टीन, अब जनता की सुध कैसे ली जाएगी ? जैसे कई सवालों के जवाब जनता पूछ
रही है। वहीं यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ अन्य मंत्री और अधिकारी आरोग्य सेतु एप का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं।

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की निवर्तमान प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी।
उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की निवर्तमान प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने तो कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज
पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि घर में क्वारन्टीन का नोटिस
चस्पा होने के बावजूद कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेकर सभी को खतरे में डाल दिया। दसौनी ने सवाल किया
कि क्या सरकार के मंत्री आरोग्य सेतु एप इस्तेमाल नहीं करते हैं। महाराज की एक लापरवाही से कोरोना
संक्रमण से जूझ रहा राज्य ही अधर में लटक गया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि कोरोना माहमारी के
चलते देश और प्रदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू है। लेकिन उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठतम मंत्री ने
केंद्र की गाइड लाइन को हवा में उड़ा दिया। आज ना सिर्फ खुद सतपाल और उनका परिवार बल्कि स्टाफ
समेत डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित है।

उत्तराखंड क्रान्ति दल केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी।
उत्तराखंड क्रान्ति दल केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने कहा कि सतपाल महाराज के पूरे परिवार को
कोरोना की चपेट में आने के कारण खुद मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिमंडल के सदस्यों को सेल्फ क्वारन्टीन
होना पड़ रहा है यही नही सचिवालय से लेकर सतपाल महाराज के विभागीय स्टाफ तथा मुख्यसचिव
स्टाफ को क्वारन्टीन में जाना पड़ रहा है। सतपाल महाराज के परिवार की सबसे बड़ी लापरवाही के कारण
ऐसी हालात पैदा हुई है इसलिये दल मांग करता है कि सतपाल महाराज के साथ उनकी पत्नी अमृता रावत
के खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाय।दूसरी तरफ सरकार व
प्रशासन अभी तक आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत 1500 मुकदमे दर्ज कर चुकी है जिसमे कोरोना की
जानकारी छुपाने पर हत्या के मुकदमे दर्ज किये गए है वही सतपाल महाराज अपने रसूख का फायदा लेते
हुये लापरवाही को सरकार छुपा रही है। इसलिये सतपाल महाराज व अमृता रावत के खिलाफ गृह व
पुलिस प्रशासन हत्या का मुकदमा अभिलम्ब दर्ज करें।