हां तो भइया,
बात ऐसी है कि पूरा देश हुआ लॉकडाउन, राज्य सीमा बंद, परिवहन बंद
इतने में बड़ी मूंछ और बड़ी पंहुच वाले एक वीआइपी की पत्नी को देहरादून से रेड ज़ोन दिल्ली जा कर आश्रम में राशन बांटने की जरूरत महसूस हुई |
मैडम गईं, अमृत रूपी राशन बांटा और 2-3 मई को ट्वीटर पर फोटो भी अपलोड की ( हटा दी बाद में )
अब मैडम को लौटना था वापस तो बड़ी पंहुच वाले पति गए उनको लिवा लाने,
लौटते हुए पड़ा आसारोड़ी चेकपोस्ट… अब नाम खराब न हो तो पति पत्नी के नाम ही बदल कर एंट्री दे दी गई |
अब पति पत्नी लौटे को समाजसेवा ने मन में और हिलोरें मारीं… पंहुच गए सपरिवार एक पहाड़ पर.. बैठक भी हुई तो राशन भी बंटा
साथ साथ उत्तराधिकारी का मुख भी जनता को दिखाया गया |
सब कुछ सुखद चल रहा था.. तब तक पत्नी की तबियत खराब हो गई |
अब का करें… तो भइया बैकडेट पर घरबंदी का पर्चा चिपकवा लिया
लेकिन जनसेवा की महान भावना बनी रही तो साहब की बैठक मीटिंग चलती रही
लोग मिलते जुलते रहे
इस जनसेवा के प्रसाद स्वरूप पचासों लोगों को कोरोना वितरण हो गया
और कई बड़ी पंहुच वाले गणमान्य भी घरबंद हो गए
आपदा जब विपदा बनी तो राष्ट्रीय संस्थान में सब भर्ती हो गए
लेकिन जनसेवा की उदार भावना के मद्देनजर पीले मास्क से सजे वरिष्ठतम माननीय की जैक पर सब खुशी खुशी सेवा करने घर लौटने लगे
पर हाय दुर्भाग्य… जनता मचा दी शोर तो प्रशासन बन गया मोर
वापस अस्पताल बिठा आए ऊंची पंहुच वाले साहब को सपरिवार
जनता सेवा से वंचित रह गई
लेकिन पूरे शहर में गंगाजल छिड़क कर शुद्धि यज्ञ करवा लिया गया
शेष सब शुभ है… गरीब युवाओं पर एफ.आइ.आर. भी कोई खबर है, हमारे गणमान्य आनंद में रहें, करना इसी में सबर है
कैमरामैन विशेष सूत्र के साथ
रिपोर्टर Abhishek Kumar
Event Review News से