भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र सिंह नेेगी
ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र लिखकर राज्य के बाहर के लोगों के दिये गये आरक्षण को तत्काल समाप्त करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जल निगम में वर्ष 2005 में सहायक अभियंताओं और अवर अभियंताओं के आरक्षित पदों पर राज्य से बाहर के अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया है |
जबकि आरक्षण का लाभ राज्य के निवासियों को ही दिया जाना था।
इस संबंध में जितेन्द्र सिंह नेगी ने तत्काल कार्यवाही की मांग की है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड मूल के आरक्षित श्रेणी के योग्यताधारक अभ्यर्थी नियुक्ति पाने से वंचित रह गये जिससे पृथक उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की अवधारणा भी विफल हो गई।
उन्होंने इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का भी हवाला दिया |
जितेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि खेद का विषय यह है कि उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एंव निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक भजन सिंह ने बयान दिया है कि 15 साल में इन लोगों के प्रमोशन भी हो चुके हैं | और इस बीच किसी ने भी नियुक्ति, पदोन्नति, वरिष्ठता इत्यादि पर सवाल नही उठाए |
इस से यह स्पष्ट होता है कि राज्य से बाहर के लोगों को आरक्षण का लाभ देकर गलत नियुक्ति कीगई हैं
नेगी ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एंव निर्माण निगम में वर्ष 2005 व उसके पश्चात आरक्षित वर्गों के सहायक अभियंताओं व अवर अभियंताओं के पदों पर राज्य से बाहर के अभ्यर्थियों को दी गई नियमविरुद्ध नियुक्तियों को अविलम्ब निरस्त करने की कृपा करें, ताकि उत्तराखण्ड राज्य के आरक्षित वर्ग के अर्ह अभ्यर्थियों को उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एंव निर्माण निगम में सेवा का मौका मिल सके।