Yamuna Valley : वैसे तो उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र समस्याओं से ग्रस्त है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की समस्या यहां मुंह बाए खड़ी रहती है।
युवाओं को पलायन पर मजबूर होना पड़ता है।
परंतु इसमें भी यमुना घाटी जिसमें रंवाई, जौनपुर और जौनसार बावर क्षेत्र आता है जहां यह समस्याएं अधिक गंभीर हैं।
मनोरम यमुना घाटी विश्व के सुंदरतम क्षेत्रों में से एक है।
यमुनोत्री जैसे धाम और तरह-तरह का वन्य जीवन, बुग्याल, ग्लेशियर, ट्रैकिंग रूट व अन्य पर्यटक स्थल इस क्षेत्र की शोभा बढ़ाते हैं।
परंतु आज भी यह क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है।
जिसका प्रमुख कारण दुर्गम क्षेत्र होने के कारण इसका सुविधाओं से कटा हुआ होना माना जाता है।
लेकिन गौर किया जाए तो राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का अभाव इन क्षेत्रों की समस्याओं का मूल कारण है।
इन क्षेत्रों में आय या रोजगार का मुख्य स्रोत खेती और पर्यटन है।
यमुनोत्री आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इन क्षेत्रों से गुजरते हैं।
तो यहां के युवाओं को यात्रा सीजन में रोजगार प्राप्त होता है।
केदारनाथ आपदा के बाद उत्तराखंड पर्यटन की लगभग कमर टूट गई।
पर्यटक मसूरी आने में भी कतराने लगे हैं।
ऐसे में पर्यटन का कार्य पहले से मंदा है।
इस लॉकडाउन के दौरान यात्रा सीजन और शेष पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
जिसके कारण क्षेत्र के लोगों के सामने आय का संकट खड़ा हो गया है।
ऐसे में जनता ने स्वयं संघर्ष की बागडोर संभालने का निर्णय लिया है।
रवाई, जौनपुर और जौनसार बावर संघर्ष समिति ने देहरादून में श्री कमलेश्वर मंदिर, जीएमएस रोड पर बैठक की।
जिसमें क्षेत्र के प्रमुख गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस बैठक में दो महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
- यमुना घाटी में रेल मार्ग बनाने के विषय में और
- यमुना घाटी में ऑल वेदर रोड बनाने के संबंध में।
इससे पहले हुए बैठक में मांगों का ड्राफ्ट तैयार करने और संघर्ष समिति का बैनर सुनिश्चित करने संबंधी समिति का गठन हुआ था।
जिसकी रिपोर्ट पेश की गई।
नई संघर्ष समिति का नाम यमुना घाटी संयुक्त संघर्ष मोर्चा रखा गया है।
इन दो बिंदुओं के अतिरिक्त चार अन्य बिंदु भी भविष्य में सम्मिलित किए जाएंगे।
क्षेत्र के लिए के विकास के लिए बनाया गया यह मोर्चा अगले हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंदोलन, जागरूकता कार्यक्रम, संकल्प यात्रा इत्यादि की तिथियों को घोषित करेगा।
इस मोर्चे का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्र के विकास को लेकर की गई उपेक्षा के विरुद्ध आंदोलन के माध्यम से जागरूकता जगाना है।
मोर्चे ने निवेदन किया है कि क्षेत्र के विकास के लिए सभी लोग मोर्चे से जुड़ें।
और सवाल पूछें कि जिस विकास के वह हकदार हैं, वह विकास उन्हें कब मिलेगा ?
बैठक में प्रदीप कवि ( बिट्टू कवि ) , राजेश नौटियाल , सिया सिंह चौहान, विजेंद्र सिंह रावत , मंजुल रावत , जोत सिंह रावत, प्रेम पंचोली, अभय कैंतुरा, विनोद कवि (बॉबी कवि ) , गंभीर सिंह चौहान, विश्वा विजय सिंह , विनोद डोभाल , राजेंद्र सेमवाल , दर्शन डोभाल मौजूद रहे ।